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माओवादियों ने दी दस्तक, लोगों में दहशत
पुलिस की निष्क्रियता पर भी उठने लगे हैं अब सवाल जहानाबाद : करीब एक दशक से जिले के लोग सुकून और शांति महसूस कर रहे थे. एक वक्त था जब जिले के गांव में बंदूकों के साये में लोग जीने को मजबूर थे. हिंसा प्रतिहिंसा का दौर था. उग्रवादी घटनाएं चरम पर थीं. लोगों में […]
पुलिस की निष्क्रियता पर भी उठने लगे हैं अब सवाल
जहानाबाद : करीब एक दशक से जिले के लोग सुकून और शांति महसूस कर रहे थे. एक वक्त था जब जिले के गांव में बंदूकों के साये में लोग जीने को मजबूर थे. हिंसा प्रतिहिंसा का दौर था. उग्रवादी घटनाएं चरम पर थीं. लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत का भाव फैला था. लेकिन माहौल बदला, व्यवस्थाएं भी बदलीं और जिले की तसवीर भी.
दूर दराज के गांवों से आनेवाले लोग भी सुकून से जी रहे थे. उग्रवादी घटनाएं बिल्कुल थम-सी गयी थी. लेकिन एक बार फिर से उग्रवादियों ने जिले में दस्तक देकर लोगों को दहशत में डाल दिया है. लोग सिहर उठे हैं, जैसे ही ये खबर आयी कि उग्रवादियों ने बीती रात लाखापुर गांव में मोबाइल टावर उड़ा दिया, लोगों की वहीं पुरानी यादें फिर से ताजा हो गयी. लोग-बाग यह भी चर्चा करने से नहीं चूक रहे थे कि सुकून की जिंदगी में फिर से माओवादी खलल डालने पहुंच गये. कुछ लोग तो बीते दिनों को याद कर सिहर उठते हैं. उन्हें याद है कि कैसे उनके गांव के लोग रात -रात भर जाग कर सुरक्षा में लगे रहते थे.
हमेशा ही उनको यह भय होता था कि आगे की जिंदगी रहेगी या नहीं. लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब लोगों ने शांति और सुकून देखा. बेरोकटोक लोग आने- जाने लगे और जिले में व्याप्त भय का माहौल बिल्कुल ही खत्म हो गया. लेकिन जैसे ही टावर उड़ाने की उग्रवादी घटना हुई लोग सहम गये. जिले में भय का माहौल एक बार फिर से कायम हो गया है. साथ ही पुलिस की निष्क्रियता पर भी अब सवाल उठने लगे हैं.
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