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पारस बिगहा नरसंहार का मुख्य आरोपित गिरफ्तार

पटना/जहानाबाद : जहानाबाद के पारस बिगहा में वर्ष 1980 में हुए दिल दहलाने वाले नरसंहार को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपित विनय सिंह (पंडुई, जहानाबाद) को पटना पुलिस की टीम ने शास्त्री नगर के नारायण सिटी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 104 से गिरफ्तार कर लिया. गुप्त सूचना पर जब वहां पुलिस पहुंची, तो वह सेल्फ […]

पटना/जहानाबाद : जहानाबाद के पारस बिगहा में वर्ष 1980 में हुए दिल दहलाने वाले नरसंहार को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपित विनय सिंह (पंडुई, जहानाबाद) को पटना पुलिस की टीम ने शास्त्री नगर के नारायण सिटी अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 104 से गिरफ्तार कर लिया.
गुप्त सूचना पर जब वहां पुलिस पहुंची, तो वह सेल्फ के अंदर प्रवेश कर गया व आगे से बोरे में भरे सामान को रख दिया. फ्लैट में उसकी पत्नी ने अकेले होने की जानकारी दी, लेकिन पुलिस के पास सही सूचना थी, इससे खोजबीन में वह पकड़ा गया. इसके बाद उसे पकड़ कर शास्त्री नगर थाना लाया गया. उसकी गिरफ्तारी की सूचना पर जहानाबाद पुलिस भी पटना पहुंच गयी. उसे जहानाबाद पुलिस भी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.
तब पुलिस का माथा ठनका
दरअसल पुलिस ने घर के अंदर खोजबीन की, लेकिन वहां कोई नहीं मिला. केवल विनय की पत्नी ही थी. जिस सेल्फ के अंदर विनय सिंह छुपा था, उसके नीचे का सेल्फ खाली था और वह काफी लंबा था. इसमें कोई भी प्रवेश कर सकता था. इससे पुलिस का माथा ठनका और ऊपर के सेल्फ में रखे समानों को हटाना शुरू किया, तो उसके अंदर विनय सिंह दिख गये. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
तीन दर्जन की हुई थी हत्या
विनय सिंह ने अपने साथियों के साथ मिल कर पारस बिगहा गांव पर अत्याधुनिक हथियारों से हमला कर दिया था. इस दौरान तीन दर्जन से अधिक गरीब लोगों की हत्या की गयी थी. फिर सभी शव को एक कमरे में बंद कर उसने आग लगा दी थी. इस संबंध में जहानाबाद में 09/1980 कांड संख्या दर्ज किया गया था. उस समय विनय को गिरफ्तार कर लिया गया था.वर्ष 2000 में वह पैरोल पर छूटा और चकमा देकर फरार हो गया. पटना आने के बाद वह भूमि के धंधे में अपना पांव पसारना शुरू कर दिया था.
बेटे ने कर दिया था मृत घोषित
विनय ने साजिश कर खुद को मृत घोषित करवा दिया था. दरअसल उसके फरार होने के कुछ वर्षो बाद ही उसके बेटे गौरव सिंह ने विनय सिंह को मृत घोषित करवा दिया था. यही नहीं उनका मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनवा दिया गया था. इसके पीछे यही मकसद था कि सभी उन्हें मृत समङो और पुलिस उन तक नहीं पहुंचे.

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