जहानाबाद: अल्पावास गृह में रह रही पिंकी का इश्क में हुआ बुरा हाल. बिन ब्याही मां बनी इस युवती की कारुणिक दास्तान ने प्रेम की परिभाषा ही बदल दी है. अपने एक संबंधी के घर शादी समारोह में पहुंची पिंकी को एक रिश्तेदार से वहीं प्यार हो गया. पटना जिले के कांव गांव निवासी छोटक साव की बेटी की जिंदगी शायद उसी दिन से करवट ले ली. प्यार में पागल प्रेमी युगल अपने सुनहरे दिनों का सपने देखा करता था. इसी सपनों के पंख ने पिंकी को पिंजरे से उड़ा दिया.
दोनों की नजदीकियां बढ़ती गयीं, छुप-छुप कर दोनों का मिलना-जुलना शुरू हो गया. प्यार जब परवान चढ़ा तो दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन गया. तब तक पिंकी को लग रहा था कि जो कुछ हो रहा है सब सही है. लड़की के परिजन तो बात आगे बढ़ने पर मन ही मन चाह रहे थे कि अब दोनों की शादी हो जाये. मगर अब लड़केवाले मुकरने लगे. तब तक समय बितता गया और पिंकी गर्भ से रह गयी. अब पिंकी अल्पावास गृह में कुछ ही दिनों पूर्व जन्म दिये अपने बेटे के साथ रह रही है. अल्पावास के कर्मियों की सहृदयता ही कहें जो इन लोगों ने बच्चे की छठिहार बुधवार को धूमधाम से मनाया. मगर ये कैसा छठिहार जिसमें ना बच्चे का बाप, न ही कोई परिजन. लोगों का कहना था कि इसमें बच्चे का क्या कसूर कम- से- कम इसे तो रस्म का हक मिलना ही चाहिए. इतने दिनों के अंतराल में भी किसी पक्ष के परिजन मिलने नहीं पहुंचे. अब लड़की को उसके मायकेवाले भी रखने को तैयार नहीं हैं.
इश्क में मात खाई पिंकी से मिलने उसका प्रेमी भी नहीं आ रहा, जबकि पिंकी कहती है वह तो मुङो साथ रखने को तैयार है मगर परिजन उसे मना कर रहे हैं. अब भी वह अपने प्रेमी का इंतजार देख रही. साथ ही यह भी कहती है कि अगर उसका प्रेमी उसे लेने नहीं आया, तो ऐसे लड़कों को समाज और कानून दोनों मिल कर सजा दें. ताकि किसी मासूम लड़की की जिंदगी तबाह न हो सके . वह कहती है मेरे साथ इश्क में धोखा हुआ है मगर आगे किसी और को ये दिन देखना ना पड़े इसलिए अपनी कारुणिक दास्तान दुनियां को सुना रही हूं. अब तो दाई बन कर भी अपने बच्चे की परवरिश करूंगी. औरों के घर झाड़ू पोछा करके जिंदगी जी लूंगी मगर उस धोखेबाज को नहीं छोड़ूंगी, जिसने मेरी जिंदगी तबाह कर दी.