जहानाबाद : भारत बंद के दौरान सोमवार को ग्रामीण इलाके से जहानाबाद सदर अस्पताल में इलाज के लिए लायी जा रही एक मासूम बच्ची की मौत हो गयी. दो वर्षीया गौरी नामक बच्ची गया जिले के मेन थाना अंतर्गत बालाबिगहा गांव के निवासी प्रमोद मांझी की बेटी थी. खबर के अनुसार रविवार की रात में ही वह डायरिया से पीड़ित हो गयी थी. सात-आठ बार दस्त होने के कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी. भारत बंद के कारण वाहनों का आवागमन ठप था, गाड़ियां नहीं मिलने के कारण सोमवार को उसके पिता नदी पार कर बड़ी मुश्किल से एक टेंपो रिजर्व कर उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ला रहे थे. सदर अस्पताल पहुंचने के पूर्व बच्ची ने दम तोड़ दिया. उसकी मौत होने पर अफरा-तफरी मच गयी. पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीति शुरू हो गयी.
मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा. मृत बच्ची के पिता के अनुसार वह अपनी बेटी को इलाज के लिए ला रहे थे. पाईबिगहा मोड़ के समीप बंद समर्थकों ने उनकी गाड़ी को रोका, लेकिन जब मरीज की हालत देखी तो गाड़ी को आगे बढ़ने दिया, जिससे अस्पताल पहुंचने में विलंब हुआ और रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गयी. वहीं परिजनों ने कहा कि अगर बंदी के दौरान अगर व्यवधान पैदा नहीं होता तो हमारी बच्ची की जान बच सकती थी. इस संबंध में जिला पदाधिकारी आलोक रंजन घोष का कहना है कि बंद के कारण वाहनों का परिचालन स्वत: बंद था. जगह-जगह बंद समर्थक व्यवधान कर रहे थे, लेकिन जब मरीज की हालत देखी तो उसकी टेंपो को तुरंत आगे बढ़ने दिया.
बंद दुकान के बाहर भी की तोड़फोड़ : घोसी. सोमवार को राजद, कांग्रेस एवं वामदल के भारत बंद का व्यापक असर रहा. घोसी में बंद के दौरान राजद व कांग्रेस के कार्यकर्ता घोसी के खपुरा-घोसी मोड़, बैरामसराय गांव के श्रीपुर समेत कई अन्य जगहों पर सड़क पर बांस रख कर सड़क को अवरुद्ध कर दिया. घोसी में एक दुकान का शटर गिरा रहने के बावजूद बंद समर्थकों ने दुकान के आगे टंगे सामान को तोड़ दिया. वहीं निजी स्कूल भी रहे. इधर भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष उदय कुमार एवं भाजपा नेता अरविंद कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राजद व कांग्रेस के भारत बंद को असफल बताया. कहा कि भारत बंद को जनता ने नकार दिया है.
सड़क पर उपद्रव एवं गुंडागर्दी देखने को मिला. लोगों में भय एवं आतंक का माहौल कायम था. बंद के दौरान समर्थकों ने आम लोगों के साथ मारपीट की. वहीं पुलिस प्रशासन की भूमिका न के बराबर थी. वहीं उपद्रव कर रहे लोगों को सामने पुलिस जाना भी उचित नहीं समझी. वहीं छह सितंबर के भारत बंद के दौरान पुलिस ने शांतिपूर्ण बंद कर रहे लोगों के साथ मारपीट कर एफआईआर दर्ज की.
तीन किमी पैदल चलकर मां ने कराया बच्चे का इलाज
दूसरी ओर जहानाबाद-अरवल सड़क मार्ग में वभना गांव से पश्चिम बंद समर्थकों ने मरीज ला रहे एक और ऑटो को रोका. जिस पर कुर्था निवासी इंदल मांझी की पत्नी अपने तीन वर्षीय पुत्र अमित को इलाज के लिए सदर अस्पताल आ रही थी. महिला का कहना है कि आरजू के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने ऑटो को आगे बढ़ने नहीं दिया. मजबूरन वह अपने बच्चे की जान बचाने के लिए 3 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंची और इलाज कराया, अब उसके बच्चे की स्थिति में सुधार है.