जहानाबाद : काको स्थित मंडल कारा के वार्डों में बंद कैदियों के पास आपत्तिजनक सामान रहने की सूचना पाकर शुक्रवार की सुबह करीब 5:30 बजे अधिकारियों की टीम ने छापेमारी की. डीएम आलोक रंजन घोष व एसपी मनीष के नेतृत्व में एसडीओ परितोष कुमार, एसडीपीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव और काको के थानाध्यक्ष संजय शंकर ने सशस्त्र बलों के साथ जेल के वार्डों और परिसर की सघन तलाशी ली.
इस दौरान छह मोबाइल फोन, पांच चार्जर, मोबाइल की बैट्रियां, मेमोरी कार्ड, लोहे के रॉड, ब्लेड, चाकू, आठ पैकेट सिगरेट, दो लाइटर, चिलम, इलेक्ट्रिक कीट और बिजली के तार जब्त किये गये. ये सामान वार्ड नंबर 20 और 21 के पीछे से अधिकारियों ने जब्त किये. कैदियों ने उसे छिपाकर रखा था. सुबह में ही पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को देखकर जेल में अफरा-तफरी मच गयी. घंटों हुई प्रशासनिक कार्रवाई में एक-एक कर वार्डों की सघन तलाशी ली गयी. जेल परिसर को भी खंगाला गया जिसमें उक्त दोनों वार्डों के पीछे छिपाकर रखे हुए उक्त सामान जब्त किये गये. कैदी सिगरेट, गांजा का उपयोग करते थे.
अज्ञात बंदियों पर दर्ज हुई एफआईआर:इस संबंध में जेलर संजीव कुमार के बयान पर काको थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है, जिसमें अज्ञात बंदियों को अभियुक्त बना मामले की जांच की जा रही है. वार्डों के किस-किस बंदियों के द्वारा आपत्तिजनक सामान का इस्तेमाल किया जाता था. इसकी गहराई से जांच की जा रही है. कारा प्रशासन की भूमिका भी जांच के दायरे में है.
जेल में कैसे पहुंचे आपत्तिजनक सामान, हो रही जांच
भारी मात्रा में जेल के भीतर आपत्तिजनक सामान कैसे पहुंचे, इस मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. सवाल यह है कि काको स्थित मंडल कारा संवेदनशील जेल की श्रेणी में माना जाता है. वहां बंदियों से मिलने के लिए कड़ी व्यवस्था है. मुलाकातियों की सघन तलाशी और जांच किये जाने के बाद ही मुलाकात की अनुमति दी जाती है. मुलाकाती बंदियों से दूर से ही बात कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में मोबाइल फोन, चार्जर, सिगरेट, ब्लेड, बिजली के तार, लोहे के रॉड बंदियों तक कैसे पहुंचे, यह गहन जांच का विषय है. जिला प्रशासन ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है.
जेलर व कक्षपाल पर होगी कानूनी कार्रवाई: डीएम
डीएम आलोक रंजन घोष ने जेल में उक्त सामान मिलने को काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पूर्व भी प्रभारी काराधीक्षक के सर्च अभियान में भी आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे. उसकी जब्ती सूची उन्हें उपलब्ध करायी गयी थी. इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ. उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मामले की तहकीकात शुरू की गयी है. एक-दो दिनों के भीतर जेलर और कक्षपाल से जवाब तलब किया जायेगा और इसके लिए दोषी जेल कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. जेल में आपत्तिजनक सामान पहुंचाने के मामले में दोषी पाये जाने वाले कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा.