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पथ निर्माण विभाग का भवन जर्जर, दहशत में रहते हैं कर्मी

जहानाबाद सदर : एक ओर सरकार द्वारा नये भवनों के निर्माण के लिए बड़े-बड़े भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि लोगों को गुड गवर्नेंस का अहसास हो सके. वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय में कई ऐसे भवन हैं, जहां कर्मी व पदाधिकारी दहशत के माहौल में काम करते हैं. ऊंटा सब्जी मंडी के […]

जहानाबाद सदर : एक ओर सरकार द्वारा नये भवनों के निर्माण के लिए बड़े-बड़े भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि लोगों को गुड गवर्नेंस का अहसास हो सके. वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय में कई ऐसे भवन हैं, जहां कर्मी व पदाधिकारी दहशत के माहौल में काम करते हैं. ऊंटा सब्जी मंडी के समीप स्थित पथ निर्माण विभाग का अवर पथ निर्माण कार्यालय काफी जर्जर हो चुका है. पथ निर्माण विभाग के अवसर कार्यालय का निर्माण 1980 में किया गया था. पांच कमरे के इस भवन की हालत काफी जर्जर है.

भवन में जगह-जगह पर दरार आ गयी है तथा छत का प्लास्टर कई जगह पर झड़ गया है. कर्मचारी व पदाधिकारी कार्यालय में बैठकर काम तो करते हैं, लेकिन उन्हें हमेशा इस बात का भय सताता रहता है कि कहीं भवन गिर न जाये. छत का प्लास्टर टूट-टूट कर गिरता रहता है. शौचालय की स्थिति काफी दयनीय है. कार्यालय में पेयजल के लिए चापाकल लगा है. सड़क किनारे बने इस कार्यालय में कभी पथ निर्माण विभाग का गोदाम भी हुआ करता था, लेकिन आज इसमें कार्यालय संचालित हो रहा है. यहां दो सहायक अभियंता बैठते हैं तथा क्वालिटी जांच का कार्यालय भी यहीं हैं.

क्या कहते हैं पदाधिकारी
कार्यालय जर्जर हो गया है. हम लोग दहशत के माहौल में काम करते हैं. जर्जर भवन की मरम्मत के लिए विभागीय पत्राचार किया गया है.
उपेंद्र सिंह, सहायक अभियंता, पथ निर्माण विभाग
वंशी (अरवल ) : एक ओर सरकार ने सभी विद्यालय को मॉडल भवन बनाने में लाखों रुपये पानी की तरह खर्च कर रही है, लेकिन आज भी करपी तथा वंशी प्रखंड में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां भवन के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. वर्ग एक से पांच तक के छात्र सिर्फ एक कमरे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. ऐसा ही मामला महादलित बस्ती रामापुर में संचालित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का है. इस स्कूल को अपना भवन आज तक नसीब नहीं हुआ,
जिसके कारण महादलित के छोटे-छोटे स्कूली बच्चे दूसरे गांव में जाकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं. इमामगंज-करपी मुख्य पथ में बसी महादलित बस्ती रामापुर है, जहां के ग्रामीण अधिकांश मुसहर जाति से हैं. ग्रामीणों के लाख प्रयास के बाद सन 2006 में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना बड़े ही तामझाम के साथ हुई.
आदर्श पंचायत खजुरी के अंतर्गत रामापुर महादलित टोला के सैकड़ों ग्रामीणों ने पूर्व जिला पदाधिकारी से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत उत्क्रमित मध्य विद्यालय खजूरी के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने विद्यालय के भवन की मांग की थी. उस समय जिला पदाधिकारी ने विद्यालय के भवन के लिये आश्वासन दिया था. विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापक मीना सिन्हा ने बताया कि भवन निर्माण के लिए 25 डिसमिल जमीन का एनओसी का कागजात बीआरसी कार्यालय को दिया गया है.
एक कमरे के सामुदायिक भवन में बच्चों को शिक्षा के पठन -पाठन में काफी दिक्कतें होती हैं. एक कमरा में एक से पांच क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है. इस आलोक में पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्व शालिग्राम शर्मा ने नवसृजित प्राथमिक विद्यालय रामापुर को उत्क्रमित मध्य विद्यालय खजूरी में बच्चों को पठन -पाठन के लिए टैग किया था. विद्यालय की प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में 146 छात्र नामांकित है. जबकि शिक्षकों की संख्या 4 है.
ग्रामीण विफन मांझी, कमलेश मांझी, सुधीर मांझी, संतोष मांझी, कमला देवी, कुसुम देवी समेत अन्य महादलित परिवार के लोगों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय खुलने के बाद हम लोगों को आशा जगी थी कि अब महादलित परिवार के बच्चों भी शिक्षा ग्रहण करेंगे, लेकिन भवन के अभाव में उन्हें शिक्षा नहीं मिल पा रही है.

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