जहानाबाद : बिहार के इतिहास के बगैर देश का इतिहास अधूरा है. अपने अतीत को पाने की ललक बिहारवासियों में फिर से जागृत होने लगी है. शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में ‘कैसे हासिल होगा बिहार का गौरव’ विषय पर शहर के बुद्धिजीवियों के साथ लंबी परिचर्चा चली. अतीत के आईने को झांकते हुए शहर के कई लोगों ने परिचर्चा में अपनी राय रखी.
गौरवशाली इतिहास को निहारते हुए एक बार फिर से बिहार के सपूतों ने दुनिया भर में अपना परचम लहराने का जज्बा दिखाया है. लोगों ने कहा कि बिहार की यह माटी दुनिया भर के लोगों को संदेश देती रही है और आगे भी हम अपने गौरव को हासिल करने के लिए जी-जान लगा देंगे. हमारी मूल में शिक्षा थी, जो आज चौपट सी दिख रही है. दिशाहीन हो गयी है आज की शिक्षा प्रणाली. लोग अपने कर्तव्यों से पीछे भाग रहे हैं. अब हमें समाज को जगाना होगा. गुरुजन भी फर्ज से पीछे न हटे.
कृषि आधारित उद्योग को मिले बढ़ावा
परिचर्चा में लोगों ने कस्बाई इलाकों में भी रोजगार के स्रोत विकसित किये जाने पर जोर दिया. बुद्धिजीवियों का कहना था कि कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देकर रोजगार के साथ-साथ अन्य फायदे पहुंचाये जा सकते हैं. रोजगार नहीं मिलने से युवाओं का बिहार से हर साल पलायन होता है. इसके चलते उनकी प्रतिभा का लाभ प्रदेश को नहीं मिल पाता, जबकि उनकी मेहनत-प्रतिभा से दूसरे प्रदेश आगे बढ़ते चले जाते हैं.
सिंचाई की व्यवस्था जरूरी : सिंचाई के क्षेत्र में अभी हम काफी पीछे हैं. सिंचाई के अभाव में लोगों का खेती से मोहभंग हो रहा है. इससे बेरोजगारी बढ़ रही है. पूर्व के जितने भी जल श्रोत हैं, उनका मिलान नदियों से कर दिया जाये तो किसानों की भी बल्ले-बल्ले हो जायेगी. इस तरह से बिहार धीरे-धीरे खुशहाल बन जायेगा और हम अपने गौरवशाली अतीत को हासिल कर पायेंगे. इसके साथ सकारात्मक सोच भी जरूरी है. इससे ही बिहार की तस्वीर बदलेगी. लोगों ने कहा
सरकार ने तो तमाम सुविधाएं दी हैं लेकिन लोग उसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा का नारा हमें बुलंद करना ही होगा. शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई और पर्यटन को बेहतर बनाने के लिए लोगों ने कई सुझाव भी रखे. कहा कि तमिलनाडु जैसा छोटा राज्य पर्यटन में काफी आगे निकल गया है. जबकि हमारे पास कई ऐसी धरोहर भरी पड़ी हैं, जिसे सिर्फ संवारने की जरूरत है.