जहानाबाद : शहर के काको मोड़ के समीप संचालित बस टर्मिनल परिसर का पे एंड यूज शौचालय गत दो माह से लगातार बंद है. जिले के विभिन्न इलाके से आनेवाले और रात में पड़ाव से बसों के द्वारा प्रस्थान करनेवाले यात्रियों की सुविधा के लिए लाखों रुपये की लागत से आकर्षक व सुविधा युक्त शौचालय […]
जहानाबाद : शहर के काको मोड़ के समीप संचालित बस टर्मिनल परिसर का पे एंड यूज शौचालय गत दो माह से लगातार बंद है. जिले के विभिन्न इलाके से आनेवाले और रात में पड़ाव से बसों के द्वारा प्रस्थान करनेवाले यात्रियों की सुविधा के लिए लाखों रुपये की लागत से आकर्षक व सुविधा युक्त शौचालय का निर्माण कराया गया था.
उसके संचालन के लिए आठ माह पूर्व निविदा निकाली गयी थी. कई लोगों ने टेंडर में हिस्सा लिया था. जिसमें पटना की एक एजेंसी को दो लाख 10 हजार रुपये पर एक साल के लिए ठेका दिया गया था. उसके साथ एकरारनामा कराया गया था. अप्रैल माह में हुए एग्रीमेंट के बाद कई दिनों तक शौचालय का संचालन पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण शुरू नहीं हो पाया. इस समस्या का समाधान होने पर शौचालय तो खुला लेकिन उसका विधिवत संचालन नहीं हुआ.
बीच-बीच में कई दिनों तक बंद रहा. इधर, गत दो माह से उक्त शौचालय में स्थायी रूप से ताला लटका है. ठेकेदार ने एक तरह से अपने हाथ खड़े कर शौचालय संचालन को ठप कर रखा है. इसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि जिले के विभिन्न इलाकों से आये और जिले के अलावा पटना, गया, अरवल एवं झारखंड के विभिन्न स्थानों तक जाने के लिए यहां पहुंचने वाले महिला और पुरुष यात्रियों को कठिनाई
झेलनी पड़ रही है.
साथ ही उन दुकानदारों को भी मुसीबत झेलनी पड़ रही है जो शौचालय का उपयोग करते थे. जहानाबाद बस टर्मिनल परिसर से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े यात्री वाहनों का परिचालन होता है. हजारों यात्रियों का आवागमन बस पड़ाव से होता है.
वाहन पड़ाव परिसर में फैलायी जा रही गंदगी : शौचालय के बंद रहने से कई लोग बस स्टैंड परिसर को गंदा कर रहे हैं. शाम ढलते ही यात्रियों के अलावा स्टैंड एवं सड़क किनारे के दुकानदार मल-मूत्र त्याग कर टर्मिनल परिसर को गंदा कर रहे हैं. स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं. दुर्गंध व गंदगी के कारण परिसर के पूर्वी छोर से लोगों ने गुजरना बंद कर दिया है. समस्या दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है.
बोले अिधकारी
इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. पूर्व में मिली शिकायत को दूर किया गया था. शीघ्र ही संचालनकर्ता को नोटिस देकर जनोपयोगी उक्त शौचालय को 24 घंटे संचालित रखने के सख्त निर्देश दिये जा रहे हैं ताकि जरूरतमंद यात्रियों को परेशानी न हो. जरूरत पड़ी तो अवधि पूरी होते ही एजेंसी को बदला जायेगा.
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद