जमुई : स्व दिग्विजय सिंह(दादा)एक ऐसा नाम है जिनका ख्याल आते ही लोगों के जेहन और मुख्य मंडल पर अफसोस और खोने की भाव भंगिमा उभरने लगती है. बताते चलें कि दिग्विजय सिंह समाज व क्षेत्र में विकास के द्योतक बन कर रह गये थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व दिग्विजय सिंह ने अपनी राजनीतिक प्रतिभा के बल पर देश विदेश के लोगों को न केवल विकास और राजनीति के क्षेत्र में लोहा मनवाया था. बल्कि आजीवन समाज के दवे कूचले लोगों की सेवा को भी तत्पर रहे.
उनका जन्म आज से 61 वर्ष पूर्व गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव नयागांव में हुआ था. उन्होंने हाई स्कूल तक की शिक्षा स्थानीय स्तर पर पूरा करने के पश्चात सन् 1969 में पटना विश्वविद्यालय से इतिहास से स्नातक की पढ़ाई पूरा किया था.वर्ष1978 में उन्होंने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय दिल्ली से जापानी भाषा में एमफिल की पढ़ाई पूरा करने के बाद वर्ष1979 में विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में महासचिव के पद पर जीत हासिल किया था.
इसके पश्चात वे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के सानिध्य में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 1990 में बिहार से राज्य सभा का सदस्य चुने जाने के पश्चात चंद्रशेखर सिंह की सरकार में विदेश व वित्त उपमंत्री बने. वे 1998 में बांका से सांसद के रूप में निर्वाचित हुए और 1999 में पुन: बांका से सांसद का चुनाव जीतने के पश्चात अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल,उद्योग,वित्त और विदेश राज्य मंत्री बने. लेकिन अपनी राजनीतिक प्रतिभा और कौशल के बल पर 2005 में झारखंड से राज्यसभा के सदस्य चुने गये. इन्होंने वर्ष 2005 में ही गिद्धौर में दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत करायी और कई नामीगिरामी कलाकारों को उतारने का काम किया.गिद्धौर,जमुई,झाझा स्टेशन के जीर्णोद्धार के अलावे कई ट्रेनों का भी ठहराव करवाया.वर्ष 2009 में पुन: बांका से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांसद चुने गये.24 जून 2010 में अचानक वे दुनिया को छोड़कर सदा के लिए लोगों के दिल में अमर हो गये.उनका कार्य आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है .