जमुई : दीपों का त्योहर दीपावली की खुशियां मनाने में महज सात दिन शेष बचे है. इस मौके पर अपनों का मुंह मिठा कर रिश्तों में मिठास घोलने की तमन्ना हर किसी की होती है. शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां परिवार के सदस्य मिठाई का आनंद नहीं उठाता हो. पर्व को लेकर बाजार में रंग बिरंगी स्वादिष्ट मिठाइयों की महक आने लगी है.
वहीं दूसरी ओर मिठाई में होने वाली मिलावट इसकी मिठास को कम कर सकती है. शहर में पर्व को देखते हुए खोवा, छेना, घी, डालडा, रिफाइन आदि में मिठाई बनाने वाले गलत कारोबारी काफी सक्रिय हो गये है. ऐसे कारोबारियों द्वारा पर्व के मद्देनजर सेहत बिगाड़ने वाली इन सामग्रियों का स्टॉक शहर में बड़े पैमाने पर किया गया है. अधिक मुनाफा की चाहत रखने वाले छोटे-बड़े दुकानदार मिठाई बनाने वाली इन सामग्रियों की खरीदारी धड़ल्ले से कर रहे हैं.
मिठाई दुकानों में सजी रंग बिरंगी मिठाइयां देखने में भले ही अच्छी लगती हो. लेकिन उसकी गुणवत्ता के बारे में कुछ भी कहना काफी मुश्किल है. बताते चलें कि जिले में दीपावली के मौके पर लगभग 3 करोड़ का कारोबार होता है. चिकित्सकों की मानें तो मिलावटी मिठाई खाने से कई प्रकार की परेशानी होती है.
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ अंजनी कुमार सिन्हा ने बताया कि इससे डायरिया, किडनी व लीवर पर बुरा असर पड़ने की संभावना रहती है. कहते हैं खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजेश्वर कुमार ने कहा कि मिलावट करने वाले विक्रेताओं पर खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 व विनियमन 2011 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. साथ ही छह माह से लेकर आजीवन कारावास एवं 25 हजार से लेकर 10 लाख तक का जुर्माना किया जा सकता है.