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बिजली बन गयी सिरदर्द
जिले में गरमी ने दी दस्तक जमुई : गरमी की आहट शुरू होते ही बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. सरकार के द्वारा शहरी क्षेत्र में लोगों को चौबीस घंटा और ग्रामीण क्षेत्र में बारह से पंद्रह घंटा बिजली उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की गयी थी. लेकिन गरमी के शुरू होते […]
जिले में गरमी ने दी दस्तक
जमुई : गरमी की आहट शुरू होते ही बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. सरकार के द्वारा शहरी क्षेत्र में लोगों को चौबीस घंटा और ग्रामीण क्षेत्र में बारह से पंद्रह घंटा बिजली उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की गयी थी.
लेकिन गरमी के शुरू होते ही बिजली की आंख-मिचौनी लोगों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. बिजली की इस लुका-छिपी की वजह से लोगों को बिजली पर आधारित अपने दैनिक कार्य करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं छात्र-छात्रओं को पढ़ाई के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
नहीं सुधारते गलत बिजली बिल
विभाग के इस लापरवाह कार्यशैली की वजह से लोगों को बिजली बिल में सुधार कराने के लिए विभाग का कई चक्कर लगाना पड़ता है और मानसिक तथा शारीरिक परेशानी भी ङोलनी पड़ती है.
प्रो. संजय कुमार हिमांशु व विष्णु कुमार की मानें तो कभी-कभी तो लोकल फॉल्ट के नाम पर दो से तीन घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित कर दी जाती है और विभाग से संपर्क साधने पर यह बताया जाता है कि अभी काम हो रहा है इसलिए बिजली आपूर्ति बंद की गयी है.
विभाग के इस अकर्मण्य शैली की वजह से निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दावा बिल्कुल खोखला साबित होता जा रहा है. बंगाली साव की मानें तो अनियमित विद्युत आपूर्ति की वजह से गरमी के इस मौसम में रात जाग कर काटनी पड़ती है और विभाग से जब हमलोग नियमित विद्युत आपूर्ति की मांग करते हैं तो अधिकारी हर बार यही कहते हैं कि बोर्ड के द्वारा ही कम विद्युत आपूर्ति की जा रही है,इसलिए हमलोग कुछ नहीं कर सकते हैं. जबकि विभाग द्वारा मनमाना बिल भी वसूला जाता है.
कब आती है कब चली जाती है, पता नहीं चलता
महिसौड़ी निवासी संतोष भालोटिया व पवन कुमार साह ने बताया कि मात्र चौदह से पंद्रह घंटा ही बिजली आपूर्ति की जाती है. कब बिजली आती है और कब चली जाती है, यह पता भी नहीं चल पाता है.
इस अनियमित विद्युत आपूर्ति की वजह से विद्युत आधारित सभी कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बिल्कुल चौपट हो रही है. मूसो साह व रितेश कुमार की मानें तो विभाग द्वारा हर बार बढ़ा कर बिजली बिल भेज दिया जाता है. जिसके कारण हम सबों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
कहते हैं विद्युत कार्यपालक अभियंता
विद्युत कार्यपालक अभियंता भानू प्रताप सिंह ने बताया कि बोर्ड के द्वारा विगत कुछ दिनों से तीस मेगावाट के जगह मात्र दस मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कम विद्युत की आपूर्ति की जा रही है. विद्युत विपत्र में व्याप्त गड़बड़ी में काफी हद तक सुधार किया गया है. गरमी को देखते हुए बोर्ड को मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध कराने को कहा गया है.
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