जमुई : जमुई जिले के लखीसराय सीमावर्ती इलाके में बसा काकन गांव ऐसे तो सामान्य गांव की तरह ही है, पर इस गांव में 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के जैन मंदिर का निर्माण किए जाने के बाद इस गांव में शांति का प्रचार भी बड़े जोर शोर से किया जाता रहा है.
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जवानों पर हमला होने के बाद काकन गांव जाने से डरती है पुलिस
जमुई : जमुई जिले के लखीसराय सीमावर्ती इलाके में बसा काकन गांव ऐसे तो सामान्य गांव की तरह ही है, पर इस गांव में 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के जैन मंदिर का निर्माण किए जाने के बाद इस गांव में शांति का प्रचार भी बड़े जोर शोर से किया जाता रहा है. पर […]
पर काकन गांव की वर्तमान स्थिति यह है कि इस गांव में सारी संपन्नता होने के बावजूद भी शांति का घोर अभाव है और बीते दो दशक में वर्चस्व की लड़ाई में हुई हत्या और बंदूके गरजने के बाद जहां एक तरफ लोगों के दिल में खौफ है.
तो वहीं दूसरी तरफ गांव की स्थिति कुछ ऐसी है कि यहां पुलिस भी जाने से डरती है. और यह सब महज कहने की बातें नहीं है. बल्कि इसलिए कहा जा सकता है कि बीते वर्ष 2014 में ठेकेदार नीरज सिंह की हत्या के बाद गांव में जानकारी जुटाने गई पुलिस दल पर भी ग्रामीणों ने हमला कर दिया था.
बताते चलें कि काकन गांव में वर्षों से जातिवाद की लड़ाई चली आ रही है. यहां के कुख्यात अपराधी योधी महतो ग्रुप बनाम भूमिहार जाति के लोगों के बीच वर्षों से लड़ाई चलती आ रही है. इसी लड़ाई में पहले भी दर्जनों खून बह चुके हैं.
लेकिन काफी दिनों से यहां शांति का माहौल था जो इस घटना के बाद फिर बिगड़ सा गया है. इसी क्रम में नीरज सिंह की हत्या के उपरांत घटना की जांच में काकन गांव पहुंचे तत्कालीन मुख्यालय डीएसपी रामनाथ तिवारी के साथ भी ग्रामीणों ने अभद्र व्यवहार किया था. पुलिस की चुप्पी एवं मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस वहां से जरूरी लिखा पढ़ी कर निकलने में भलाई समझी और वहां से बच निकले थे. जिसके बाद पुलिस अब वहां पहले से सभी तयारी कर ही पहुंचती है.
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