भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को महिलाएं करती हैं हरतालिका तीज का व्रत
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बाजार रहा गुलजार, सुहागिनें आज रखेंगी व्रत
भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को महिलाएं करती हैं हरतालिका तीज का व्रत जमुई : अपने सुहाग की रक्षा के लिए सुहागिन महिलाएं आज तीज व्रत के अवसर पर उपवास रखेंगी. भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत करेंगी. इस दौरान महिलाएं सुहाग की लंबी आयु के लिए निराहर व निर्जला रहकर 24 […]
जमुई : अपने सुहाग की रक्षा के लिए सुहागिन महिलाएं आज तीज व्रत के अवसर पर उपवास रखेंगी. भाद्रपद शुक्ल पक्ष तृतीया को महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत करेंगी. इस दौरान महिलाएं सुहाग की लंबी आयु के लिए निराहर व निर्जला रहकर 24 घंटे का व्रत करेंगी. तीज को लेकर पूजन सामग्री से पूरा बाजार पटा पड़ा है. तथा महिलाएं भी बाजारों में तीज को लेकर खरीददारी करती नजर आयी. पुरोहितों की मानें तो इस वर्ष तीज के दिन शुक्र व मंगल के एक साथ रहने से सुपरिजात योग व सूर्य-बुध के संयोग होने से गजकेशरी योग बन रहा है. जो काफी फलदायी है. साथ ही सौभाग्य योग होने से तीज का महत्व व बढ़ जाता है.
गुरुवार को सुबह 5.45 बजे से भाद्रपद तृतीया तिथि शुरू होकर व रात 8.27 बजे तक है. ऐसे में महिलाएं माता पार्वती व भगवान शिव की प्रतिमा बनाकर या मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करेंगी.
कैसे करें पूजा.भारत का प्रमुख त्योहार हरतालिका व्रत भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन किया जाता है. इस दिन गौरी-शंकर का पूजन किया जाता है. पुरोहित महेंद्र पांडेय ने बताया कि यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है. इसे सभी कुआंरी युवतियां तथा सौभाग्यवती औरतें ही करती हैं. लेकिन हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसके लिए सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है. इस व्रत को हरतालिका इसीलिए कहते हैं कि पार्वती की सखी उन्हें पिता प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थी. हरत अर्थात हरण करना व आलिका अर्थात सखी सहेली. इस व्रत को सुहागवती महिलाओं के साथ साथ सुंदर वर की कामना रखने वाली कुंवारी कन्यायें भी कर सकती हैं. व्रत के दिन संध्या समय स्नान करके शुद्ध व उज्ज्वल वस्त्र धारण करें. तपश्चात पार्वती तथा शिव की सुवर्णयुक्त या मिट्टी की प्रतिमा बनाकर विधि-विधान से पूजा करें. इसके बाद सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन वस्तुओं को पार्वतीजी को अर्पित करें. शिवजी को धोती तथा अंगोछा अर्पित करें व तपश्चात सुहाग सामग्री किसी ब्राह्मणी को तथा धोती-अंगोछा ब्राह्मण को दे दें. इस प्रकार पार्वती तथा शिव का पूजन-आराधना कर हरतालिका व्रत कथा सुनें.
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