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अस्पताल में इलाज हुआ पीड़ादायक

सदर अस्पताल . न चिकित्सक न दवा और न ही कर्मचारी, कैसे होगा इलाज सदर अस्पताल व रेफरल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत चिकित्सकों व कर्मियों की कमी के कारण खस्ताहाल है. इससे लोगों को इलाज में कठिनाइयों का समाना करना पड़ता है. जमुई : जिला स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों, कर्मियों व दवा […]

सदर अस्पताल . न चिकित्सक न दवा और न ही कर्मचारी, कैसे होगा इलाज

सदर अस्पताल व रेफरल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत चिकित्सकों व कर्मियों की कमी के कारण खस्ताहाल है. इससे लोगों को इलाज में कठिनाइयों का समाना करना पड़ता है.
जमुई : जिला स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों, कर्मियों व दवा की कमी की वजह से लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के बदले स्वयं बीमार होकर रह गया है. अस्पताल में चिकित्सकों व दवा की कमी के कारण अपना इलाज कराने के लिए आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सूत्रों की मानें तो वर्तमान समय में सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत चिकित्सकों व कर्मियों की कमी के कारण खस्ताहाल है. सदर अस्पताल में चिकित्सक के कुल सृजित 33 पद के विरुद्ध वर्तमान समय में मात्र 11 चिकित्सक कार्यरत हैं.
जिसके कारण अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों को काफी मायूस होना पड़ता है. कमोवेश यही हालत सभी रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है. वर्तमान समय में जमुई जिला में एक सदर अस्पताल, लक्ष्मीपुर, झाझा व चकाई समेत तीन रेफरल अस्पताल, खैरा, सिकंदरा, अलीगंज, बरहट, गिद्धौर व सोनो समेत कुल सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जिसमें नियमित चिकित्सक के कुल 128 पद में से 46, अनुबंध पर नियुक्त चिकित्सक के कुल सृजित 38 पद के विरुद्ध 20 व आयुष चिकित्सक के 32 पद के विरुद्ध 20 चिकित्सक कार्यरत हैं. उधर, चिकित्सकों व कर्मियों की कमी के कारण जिला भर के अस्पताल की हालत जर्जर है. लोगों को सही तरीके से स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं मिल पाता है. इसके अलावे आउटडोर व इंडोर में समुचित दवा भी उपलब्ध नहीं है. आउटडोर में 33 प्रकार की दवा के विरुद्ध 31 व इंडोर में 120 प्रकार की दवा के विरुद्ध 83 प्रकार की दवा उपलब्ध है.
33 पद के विरुद्ध मात्र 11 चिकित्सक हैं कार्यरत
कहते हैं सीएस
चिकित्सकों, कर्मियों व संसाधनों की कमी के बाबत प्रभारी सिविल सर्जन डा सुरेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि विभाग के उच्च अधिकारियों को इसको लेकर कई बार लिखित सूचना दी गयी है. चिकित्सक, कर्मी व संसाधन की कमी के कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में काफी परेशानी होती है. उपलब्ध संसाधन को लेकर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का हर संभव प्रयास किया जाता है.
एपीएचसी भी बदहाल
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संविदा पर आधारित कुल छह चिकित्सक कार्यरत हैं. नियमित श्रेणी ए परिचारिका के कुल 62 सृजित पद के विरुद्ध 40 व अनुबंध श्रेणी ए परिचारिका के 85 पद के विरुद्ध 12 कार्यरत हैं. नियमित एएनएम के सृजित 609 पद के विरुद्ध 275 व अनुबंध पर कार्यरत के सृजित 212 पद के विरुद्ध 120 कार्यरत हैं. एक्स-रे टेक्निशियन के पांच पद के विरुद्ध में दो, लैब टेक्निशियन 28 पद के विरुद्ध 11 कर्मी कार्यरत हैं. स्वास्थ्य प्रशिक्षक के 16 पद के विरुद्ध सात व स्वच्छता निरीक्षक का सभी पद खाली पड़ा हुआ है. इसके अलावे पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 81 पद के विरुद्ध 23 व परिधापक के 32 पद के विरुद्ध दो व शल्य कक्ष सहायक के दोनों पद खाली हैं.

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