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छत का प्लास्टर गिरा, पांच जख्मी
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामनगर में हुई घटना भोरे(गोपालगंज) : भोरे में शुक्रवार को एक स्कूल की छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर पड़ा, जिससे पांच छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गयीं. वहीं घटना के बाद क्लास रूम में मची भगदड़ के कारण दो और छात्राओं को मामूली चोटें आयीं. घटना के बाद शिक्षकों […]
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामनगर में हुई घटना
भोरे(गोपालगंज) : भोरे में शुक्रवार को एक स्कूल की छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर पड़ा, जिससे पांच छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गयीं. वहीं घटना के बाद क्लास रूम में मची भगदड़ के कारण दो और छात्राओं को मामूली चोटें आयीं. घटना के बाद शिक्षकों ने घायल छात्राओं को पास ही निजी अस्पताल में भरती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है. वहीं घटना के बाद घायल छात्राओं के परिजन बदहवास हैं. परिजन शिक्षकों पर कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
बताया जाता है कि भोरे प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामनगर में शुक्रवार को निर्धारित समय से स्कूल की कक्षाएं लगीं. सुबह के लगभग 9.30 बजे कक्षा तीन में पढ़ाई चल रही थी कि अचानक तेज आवाज के साथ छत का प्लास्टर आगे बैठी छात्राओं के सिर पर गिर पड़ा. प्लास्टर गिरने के बाद कक्षा में भगदड़ मच गयी. कक्षा में बैठे छात्र-छात्राएं जान बचा कर भागने लगे. इस आपाधापी में कुछ और छात्र भी घायल हो गये. वहीं धूल का गुबार छंटने पर क्लास में पांच छात्राएं खून से लथपथ बेहोश पड़ी थीं, जिन्हें शिक्षकों ने तत्काल ही हुस्सेपुर स्थित एक निजी क्लिनिक में भरती कराया. सूचना मिलने पर छात्रों के परिजनों में बदहवास स्थिति में पहुंचे. अभिभावकों का आरोप था कि निर्माण के समय ही विद्यालय में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. विरोध करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया, जिससे यह बड़ी घटना हुई. फिलहाल घायल छात्राओं के खतरे से बाहर बताया जा रहा है. परिजनों में आक्रोश व्याप्त है. इतना कुछ होने के बाद भी विद्यालय के शिक्षकों द्वारा घायल बच्चियों को आखिर सरकारी अस्पताल में क्यों नहीं भरती कराया गया. यह भी एक बड़ा सवाल है.
क्या कहते हैं अधिकारी
मैं आज अवकाश पर हूं. मेरी तबीयत खराब है. घटना की सूचना मिली है. भवन का निर्माण मेरी पदस्थापना से पूर्व किया गया था.
ओवर शियर राय, प्रधानाध्यापक
घायल छात्राओं की सूची
खुशबू कुमारी
निशा कुमारी
अर्चना कुमारी
स्वास्तिका कुमारी
प्रतिमा कुमारी (सभी वर्ग तीन की हैं)
भोरे : भोरे के रामनगर स्कूल में शुक्रवार को जो कुछ भी हुआ, वो अप्रत्याशित है. इस घटना ने कई मामलों की पोल खोल दी है. चाहे वो शिक्षकों की लापरवाही हो, घटिया निर्माण कार्य हो या फिर विद्यालय में शिक्षकों की गुटबंदी या शिक्षा विभाग की कार्यशैली. इन सब पर इस घटना ने सवाल खड़े कर दिये हैं. भोरे में विद्यालय के भवनों को क्षतिग्रस्त होना कोई नयी बात नहीं है.
लेकिन आश्चर्य यह है कि इन घटनाओं के बाद विभाग की निंद्रा नहीं टूटती. भोरे में ऐसे कई विद्यालय हैं, जो आज तक अधूरे हैं. आपको बता दें कि भोरे में स्कूल के भवनों के गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व वर्ष 2012 में प्रा. वि. बिठुआ में निर्माणधीन भवन का छज्जा गिर पड़ा था. उस समय भी एक सप्ताह तक ग्रामीणों ने घटना को लेकर आंदोलन किया था. लेकिन आश्वासन के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलाआ उसी साल कुशहां में बन रहे हाइ स्कूल के भवन की छत ही टूट कर गिर गयी थी.
बाद में मामले की लीपापोती कर दी गयी और अब रामनगर में हुए हादसे ने विभाग की पोल ही खोल दी है. सवाल यह भी है कि आखिरकार अधूरे भवनों की राशि कहां गयी और इसके लिए विभाग ने क्या कार्रवाई की. इसके जवाब के लिए जब हमने भोरे के बीइओ से संपर्क किया, तो उनका सरकारी नंबर स्विच ऑफ मिला.
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