थावे महोत्सव. वर्तमान की बुनियाद पर बुलंद भविष्य का लिया संकल्प
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महोत्सव में गूंजे विरासत के बोल
थावे महोत्सव. वर्तमान की बुनियाद पर बुलंद भविष्य का लिया संकल्प दो दिनों तक चलनेवाले ऐतिहासिक थावे महोत्सव के पहले दिन वर्तमान के बुनियाद पर महोत्सव के बुलंद भविष्य का संकल्प लिया गया. पहले दिन गोपालगंज की विरासत के बोल के बीच महाआरती से लेकर बॉलीवुड के गीत गूंजते रहे. सबकी तमन्ना रही कि महोत्सव […]
दो दिनों तक चलनेवाले ऐतिहासिक थावे महोत्सव के पहले दिन वर्तमान के बुनियाद पर महोत्सव के बुलंद भविष्य का संकल्प लिया गया. पहले दिन गोपालगंज की विरासत के बोल के बीच महाआरती से लेकर बॉलीवुड के गीत गूंजते रहे. सबकी तमन्ना रही कि महोत्सव का नाम विश्व स्तर तक हो.
गोपालगंज : सोमवार शाम के पांच बजे हैं. देवी नगरी के होमगार्ड मैदान में अत्याधुनिक कलाओं से सजे पंडाल में देवी महिमा से लेकर गोपालगंज का गौरवशाली इतिहास गूंज रहा है. बात कभी भक्ति की हो रही है, तो कभी बिहार के गौरव की. कोई इतिहास का बखान कर रहा है, तो कोई भविष्य में बुलंदियों की कामना कर रहा है. यह सबकुछ हो रहा है थावे महोत्सव के लिए. सोमवार को जब थावे महोत्सव के छठे वर्ष के उत्सव का आगाज हुआ तो प्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक सभी के एक ही बोल थे- महोत्सव का भविष्य बुलंदियों के शिखर तक जाये. वर्ष 2012 में थावे महोत्सव प्रफुल्लित हुआ.
महोत्सव का उद्घाटन अधिकारी और प्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. अपने संबोधन में सभी ने एक ही हुंकार भरा, महोत्सव को और भव्य बनाया जाये. अतिथियों के अभिभाषण के बाद देवी नगरी महाआरती से गूंजती रही, तो कलाकारों ने भोजपुरी धुनों पर अपने तान भी छेड़े. बीतते समय के साथ भक्ति से शुरू हुआ कारवां नृत्य गीत और संगीत के संगम से लोगों को सराबोर करता रहा. हालांकि इस बीच लोगों को उपलब्धियों और खामियों के भी स्वाद का एहसास हुआ. बावजूद महोत्सव को लेकर हर दिल की धड़कन में एक नया जज्बा और उत्साह धड़कता रहा.
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