पटना : बिहार में हुए इंटर टॉपर घोटाले के बाद से ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में कुछ ना कुछ गड़बड़ी हमेशा जारी रहती है. ताजा मामला इंटर की कॉपी को मुर्दे द्वारा जांचने को लेकर है. एक क्षेत्रीय चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इंटर की कॉपी को जांचने के लिये नौ साल पहले गुजर चुकी एक शिक्षिका से संपर्क किया गया. बताया जा रहा है कि जिस शिक्षिका से संपर्क साधा गया, उसका नौ साल पहले निधन हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोपालगंज में इंटर की परीक्षा की जांच के लिये वैसे लोगों की सूची भेजी गयी है, जिनकी मौत या तो वर्षों पूर्व हो चुकी है, या फिर वह नौकरी में नहीं हैं.
टीवी रिपोर्ट के मुताबिक इसका खुलासा तब हुआ जब बोर्ड की ओर से पूर्व प्रोफेसर किरण सिन्हा को कॉपी जांच की सूची में शामिल किया गया. बताया जा रहा है कि किरण सिन्हा का 2008 में ही निधन हो गया है. फिर भी बोर्ड ने उनका नाम सूची में भेज दिया. हालांकि यह गलती किस स्तर से हुई है, इसके बारे में पता नहीं चल पाया है. टीवी चैनल को दिवंगत प्रोफेसर के पति ने बताया कि उनकी पत्नी को इंटर की कॉपी जांचने का जिम्मा दिया गया है. उन्हें जब यह सूचना दी गयी तो वह काफी चौके और कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है. वहीं टीवी रिपोर्ट की माने तो कई ऐसे लोगों को भी सूची में शामिल किया गया है जिन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी है. इसे लेकर कई लोगों ने समिति को पत्र भेजा है.