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शहर में झोंपड़ी की जगह बनेगी बिल्डिंग

योजना. नगर पर्षद क्षेत्र के बेघरों का आवास बनाने का सपना होगा साकार शहर में गरीबों की झोंपड़ियों की जगह पक्के मकान बनेंगे. नगर पर्षद ने जरूरतमंद परिवारों का चयन कर मकान बनाने का काम शुरू कर दिया है. 2017 के अंतिम माह तक सभी गरीबों का अपना मकान होगा. गोपालगंज : नगर पर्षद क्षेत्र […]

योजना. नगर पर्षद क्षेत्र के बेघरों का आवास बनाने का सपना होगा साकार

शहर में गरीबों की झोंपड़ियों की जगह पक्के मकान बनेंगे. नगर पर्षद ने जरूरतमंद परिवारों का चयन कर मकान बनाने का काम शुरू कर दिया है. 2017 के अंतिम माह तक सभी गरीबों का अपना मकान होगा.
गोपालगंज : नगर पर्षद क्षेत्र के बेघरों को आवास बनाने का सपना इस वर्ष साकार हो जायेगा. ऐसा हॉउस फॉर ऑल योजना के तहत होगा. इसके तहत गरीबों को झोंपड़ी से निजात दिलाते हुए बिल्डिंग बनायी जायेगी. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर पर्षद से सूची की मांगा है. गौरतलब है कि हाउस फॉर ऑल योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी को आवास मुहैया कराना है. इसके तहत 2014-–15 के लिए पांच सौ आवास बनाने के लिए 1.5 करोड़ राशि नगर पर्षद को मिल चुकी है. इसके लिए भूमि तथा अन्य सत्यापन का कार्य जारी है. शेष वंचित लोगों के आवास बनवाने के लिए बिहार सरकार एवं नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर पर्षद को पत्र जारी करते हुए शेष वंचितों की सूची मांगी है. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में कराये गये सर्वे के अनुसार नगर पर्षद में 2970 परिवार आवास
विहीन हैं. पत्र मिलने के बाद नगर पर्षद ने इन आवास विहीनों के भौतिक सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया है. आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय भारत सरकार के अनुसार लाभ उन्हें मिलेगा, जिनके पास निर्विवाद भूमि एवं वांछित योग्यता हो. फिलहाल इस योजना से गरीबों में घर बनने का सपना जग गया है.
लाभुक को अपनी जमीन होना जरूरी : विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि शहरी गरीबों की सूची विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में तैयार कर बोर्ड से पारित कराएं, जिसके बाद उसे विभाग को भेजना सुनिश्चि›त करें. सूची तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि लाभुक के पास अपनी भूमि होना जरूरी है. साथ ही भूमि विवाद मुक्त होनी चाहिए. उन्हें भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र भी देना होगा. लाभुक की सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी का हस्ताक्षर होना जरूरी है. सूची के संबंध में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को अपना प्रमाणपत्र भी अंकित करना होगा, तभी आवास दिये जाने की मंजूरी विभाग के द्वारा दी जायेगी. भूमि नहीं रहने या विवादित भूमि की स्थिति में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी जिम्मेवार माने जायेंगे.
आवास की स्थिति
–कुल आवास विहीनों की संख्या –2970
–प्राप्त आवंटन राशि –1.5 करोड़
–बनने वाले आवासों की संख्या –500
–वंचितों की संख्या –2270
क्या कहता है नगर पर्षद
विभागीय पत्र आते ही आवास विहीनों का सर्वे किया जा रहा है. पांच सौ घर बनवाने के लिए राशि आ गयी है. शेष की भी सूची जल्द भेज दी जायेगी.
संजू देवी, मुख्य पार्षद, गोपालगंज

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