फालिज, हार्ट अटैक व सांस के रोगियों की भरमार
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अब मुसीबत बढ़ाने लगी ठंड, मरीजों की बढ़ी भीड़
फालिज, हार्ट अटैक व सांस के रोगियों की भरमार मरीजों के बढ़ती तादाद के कारण रेफर कर रहे मरीज गोपालगंज : बीते कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड मुसीबत बढ़ाने लगी है. अस्पतालों में फालिज, हार्ट अटैक व सांस के रोगियों की भरमार है. ज्यादातर उच्च रक्तचाप, हृदय व सांस के रोगी चपेट […]
मरीजों के बढ़ती तादाद के कारण रेफर कर रहे मरीज
गोपालगंज : बीते कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड मुसीबत बढ़ाने लगी है. अस्पतालों में फालिज, हार्ट अटैक व सांस के रोगियों की भरमार है. ज्यादातर उच्च रक्तचाप, हृदय व सांस के रोगी चपेट में आ रहे हैं. खास तौर पर बुजुर्ग इसका निशाना बनते दिखाई रहे हैं. सदर अस्पताल के मेडिसिन व इमरजेंसी में इसका असर दिखाई पड़ रहा है. निजी अस्पतालों में तकरीबन यही हाल है. सदर अस्पताल के डाॅ कौसर जावेद के मुताबिक ओपीडी में आनेवाले अधिकतर मरीज ठंड से जुड़ी समस्याओं के ही हैं. इनमें सांस संबंधी रोग, कोल्ड डायरिया, पेट में दर्द ऐंठन, उल्टी, खांसी-सर्दी से पीड़ित लोग ज्यादा हैं. इमरजेंसी में पहुंचनेवालों में ज्यादातर फालिज, हार्ट अटैक, दमा के अटैक आदि के हैं. इमरजेंसी वार्ड में भी फालिज व सांस के रोगों की तादाद बढ़ी है.
उच्च रक्तचाप पीड़ित रहें सतर्क : ठंड की चपेट में तो सामान्य लोग भी आ रहे हैं, पर ज्यादातर समस्या उच्च रक्तचाप के रोगियों में देखी जा रही है. डॉ एसएन सिंह की मानें, तो ठंड के चलते रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. उच्च रक्तचाप से पीड़ितों का रक्तचाप अधिक होने से हार्ट अटैक, फालिज आदि का खतरा भी बना रहता है. अचानक तापमान में परिवर्तन इस समस्या की बड़ी वजह है. अक्सर देखा जाता है लोग बिना गरम कपड़े पहने, कंबल या रजाई से निकल कर सीधे बाथरूम या घर के बाहर चले जाते हैं. ऐसे में तापमान में अचानक परिवर्तन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. दमा व एलर्जी की शिकायत वाले लोगों को इस मौसम में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है.
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