नोटबंदी . बैंकों में लेन-देन में दिक्कत, नहीं बदले जा रहे पुराने नोट
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कैशआउट, फिर भी लगी कतार
नोटबंदी . बैंकों में लेन-देन में दिक्कत, नहीं बदले जा रहे पुराने नोट नोटबंदी में एसबीआइ का साथ ग्राहकों को मिला है. अन्य बैंकों में कैश का संकट बरकरार है. सेंट्रल बैंक और एचडीएफसी को छोड़ दें, तो लगभग सभी बैंक पिछले 13 दिनों से कैश के लिए जूझ रहे हैं. 10 हजार का चेक […]
नोटबंदी में एसबीआइ का साथ ग्राहकों को मिला है. अन्य बैंकों में कैश का संकट बरकरार है. सेंट्रल बैंक और एचडीएफसी को छोड़ दें, तो लगभग सभी बैंक पिछले 13 दिनों से कैश के लिए जूझ रहे हैं. 10 हजार का चेक महज दो हजार रुपये देकर ग्राहकों को वापस किया जा रहा है.
गोपालगंज : बैंकों में मंगलवार को भीड़ कम दिखी. कैश की कमी के कारण काउंटर तक ग्राहक पहुंचे, लेकिन पूरा पेमेंट उनको नहीं मिला. विभिन्न शाखाओं में कैश की कमी बनी हुई है. मंगलवार को बैंकों के ताले खुलने से पहले ही लाइन लग गयी थी. छोटे नोट के अभाव में बैंकिंग कारोबार बाधित रहा. दो हजार के नोट लेने के लिए ग्राहक तैयार नहीं हो रहे हैं.
कई शाखाओं में टोकन बांट कर ग्राहकों को सीमा तय की गयी, ताकि लेन-देन में दिक्कत न हो. जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों पर सुबह से ही भीड़ लगी रही. कैश के अभाव में ग्राहकों को निराशा हाथ लगी.
जरूरी खर्च पूरा करने के लिए बार-बार बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. नोट की कमी के कारण बैंकों में टोकन बांट कर नोट की सीमा तय की जा रही है. इन दिनों बैंकों में कामकाज सिर्फ नोट को लेकर ही हो रहा है. अन्य बैंकिंग कार्य विगत कई दिनों से ठप है. मौनिया चौक स्थित एसबीआइ की मुख्य शाखा में भीड़ में कोई कमी नहीं आयी. बाजार में छोटे नोट पूरी तरह से दौड़ नहीं रहे हैं.
शुरू के दिनों में खूब नोट चेंज हुए, लेकिन स्याही के प्रयोग के बाद अब ऐसा नहीं है. शाखा में सिर्फ खाताधारक ही आ रहे हैं. यहां सिर्फ होम शाखा के खाताधारक के नोट जमा किये जा रहे हैं. कोई भी खाताधारक एक सप्ताह में 24 हजार रुपये निकाल सकता है. खाते में धनराशि जमा करने की कोई सीमा नहीं है. बैंकों में बाहरी लोगों के नोट नहीं बदले जा रहे हैं.
बैंक ऑफ बड़ौदा में शादी के पैसे के लिए तीन घंटे तक कतार में लगे रहने के बाद ज्ञांति देवी को बताया गया कि ढाई लाख की राशि बैंक भुगतान नहीं कर पायेगा. सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया जा सका है. इसके कारण 24 हजार से अधिक की राशि का भुगतान नहीं किया जा सकता है. वह शाखा प्रबंधक के पास बेटी की शादी की दुहाई देकर पैसा भुगतान करने की गुहार लगा रही थी. शाखा प्रबंधक भी लाचार थे. बैंक में कैश की कमी के कारण अन्य ग्राहकों को भी 10 हजार के बदले हजार दो हजार देकर मैनेज किया जा रहा है
. शहर को छोड़ दें, तो ग्रामीण इलाके में कार्यरत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में कैश का संकट बरकरार है. ग्राहकों को पांच सौ रुपये का भुगतान देकर कर्मी मैनेज कर रहे हैं. अब ग्रामीण इलाकों में अर्थ-व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने लगी है. ग्राहकों का आक्रोश भी कई जगह फूट रहा है. बैंक पैसे की कमी के कारण कर्मी ग्राहकों के आक्रोश का सामना कर रहे हैं.
एसबीआइ की एटीएम के पास लगी भीड़ व एटीएम में लगा ताला.
इन वजहों से असुविधा
कैश की कमी
छोटे नोट का न होना
दो हजार का फुटकर नहीं मिलेगा.
एक्सचेंज राशि कम करना
एटीएम सेवा ठप
छोटे नोटों को दबाये रखना
बाजार व मंडी में मंदी
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