गोपालगंज. संतान की लंबी उम्र और उनके कष्ट निवारण के लिए माताओं ने उपवास रख कर जिउतिया व्रत किया. गांव से लेकर शहर तक पर्व की धूम मची रही. सुबह से लेकर शाम तक पारंपरिक नीति एवं नियमों का अनुपालन करने में व्रती लगे रहे. पौराणिक गाथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जो भी पुत्रवती महिला जिउतिया व्रत करती है. उसकी संतान दीर्घायु होते हैं और प्रत्येक कष्ट एवं बाधा विघ्न से सुरक्षित बचे रहते हैं. पौराणिक गाथा और पारंपरिक मान्यताओं का निर्वाह करते हुए प्रत्येक वर्ग की महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक व्रत किया. विभिन्न क्षेत्रों में यथा, जीवित पुत्रिका, जिउतिया, जितिया जैसे नामों से प्रसिद्ध इस पर्व का हर जगह एक ही आस्था है संतान की लंबी उम्र की कामना
माताएं उम्मीद लिये पूरे दिन निर्जला उपवास रहीं. सुबह और शाम दोनों समय स्नान करके व्रत का पालन किया गया. स्नान करने के लिए मान्यताओं के अनुसार विभिन्न तालाब, सरोवर एवं गंडक नदी सहित अन्य नदियों के किनारे व्रतियों की भीड़ उमड़ी रही. शाम तीन से चार बजे तक महिलायें स्नान कर घर पहुंची तथा गाय के गोबर से आंगन लीप कर जिमुत वाहन की पूजा-अर्चना की एवं आचार्यों से व्रत की कथा सुनी. पर्व को लेकर टोला मुहल्ला, गांव, शहर में आस्था एवं भक्ति की शमा बंधती रही. शनिवार को व्रती स्नान, दान कर पारण के साथ व्रत तोड़ेंगे.