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बढ़ी बीमारियां : बच्चों की बीमारियों में लापरवाही न करें

डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू को लेकर रहें अलर्ट गोपालगंज : मौसम में बदलाव और खान-पान में लापरवाही के कारण अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज बढ़ गये हैं. तीन दिनों से हो रही रुक – रुक के बारिश के कारण सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मौसम जनित बीमारियां […]

डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू को लेकर रहें अलर्ट
गोपालगंज : मौसम में बदलाव और खान-पान में लापरवाही के कारण अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज बढ़ गये हैं. तीन दिनों से हो रही रुक – रुक के बारिश के कारण सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मौसम जनित बीमारियां पांव पसारने लगी हैं. इसकी वजह से अस्पताल में डायरिया, मलेरिया, वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इनमें महिलाओं एवं बच्चों की संख्या ज्यादा है. मौसम जनित बीमारियों के कारण सिर्फ सरकारी अस्पताल ही नहीं बल्कि, निजी क्लिनिक और नर्सिंग होमों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. डॉक्टर इस मौसम में खान-पान और बारिश-धूप से बचने की सलाह दे रहे हैं.
बीमारियों की पहचान और रोकथाम के तरीके
डायरिया : तीन से अधिक बार पानी के साथ लूज मोशन हो रहा है, तो यह डायरिया का मुख्य लक्षण है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एसबी प्रसाद के मुताबिक डायरिया के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इससे शरीर पर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. समय और सही इलाज नहीं होने पर जान भी जा सकती है. आमतौर पर डायरिया तीन से सात दिनों तक परेशान करती है. इससे बचाव के लिए पानी उबाल कर पीएं. घर में सफाई पर विशेष ध्यान रखें. बच्चे को ओआरएस घोल पिलाते रहें.
डेंगू : डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है. फिजिशियन डॉ विकास गुप्ता का कहना है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है. इसलिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें. बरसात में गमलों, कूलरों, टायर में एकत्रित हुए पानी में यह मच्छर ज्यादा पाया जाता है. डेंगू में बुखार तेज और कमजोरी के साथ चक्कर भी आता है. अगर घर के आसपास जहां पानी जमा हो, तो उसमें केरोसिन तेल डाल दें. रोज घर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें और मच्छरदानी लगा कर ही सोएं.
स्वाइन फ्लू : यह एच-1 एन-1 वायरस है, जो शरीर के श्वांस तंत्र पर वार करता है. हालांकि गोपालगंज में इस बार स्वाइन फ्लू के रोगी नहीं मिले हैं. सामान्य सर्दी-जुकाम व बुखार से ही इसकी शुरुआत होती है. फिजिशियन डॉ अशोक कुमार के मुताबिक यदि लापरवाही की गयी, तो मरीज वेंटिलेटर तक जा सकता है. यह वायरस हवा में होता है. इससे बचाव के लिए बार – बार हाथ धोएं, साफ – सफाई पर विशेष ध्यान रखें. तीन दिनों में बुखार न उतरे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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