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गंडक की धारा मोड़ने को अनुष्ठान

पहल . यूपी के लखीमपुर से िवश्वंभरपुर बुलाये गये हैं िवशेषज्ञ गंडक नदी की धारा साल-दर-साल विनाश करती आ रही है. नदी गोपालगंज के गांव की तरफ शिफ्ट कर रही है. ग्रामीणों ने नदी की धारा को मोड़ने की मुहिम शुरू की है. विश्वंभरपुर : गंडक नदी के आसपास के गांवों में गजब उत्साह दिख […]

पहल . यूपी के लखीमपुर से िवश्वंभरपुर बुलाये गये हैं िवशेषज्ञ

गंडक नदी की धारा साल-दर-साल विनाश करती आ रही है. नदी गोपालगंज के गांव की तरफ शिफ्ट कर रही है. ग्रामीणों ने नदी की धारा को मोड़ने की मुहिम शुरू की है.
विश्वंभरपुर : गंडक नदी के आसपास के गांवों में गजब उत्साह दिख रहा है. लोगों के चेहरे पर उम्मीद की किरण दिखने लगी है. उन्हें भरोसा है कि नदी की धारा अब बदल जायेगी. विश्वास से लबरेज सैकड़ों ग्रामीण श्रमदान की बदौलत नदी की धारा को बदलने की मुहिम में जुट गये हैं. धारा को मोड़ने के लिए पूरी तरह से गंवई तकनीक अपनायी जा रही है. बांस और बल्ले के सहारे नदी के रुख को मोड़ने का काम सोमवार से शुरू हो गया.
इसके लिए यूपी के लखीमपुर खीरी से एक्सपर्ट रिबई राम और अजय मौर्य को बुलाया गया है. दोनों लोगों ने रविवार को ही यूपी के अहिरौली दान से बेतिया-गोपालगंज के बीच बने महासेतु तक स्थिति का अवलोकन करने के बाद सोमवार से काम शुरू कर दिया है. नदी की धारा गोपालगंज की ओर तेजी से बढ़ रही है. इसे नहीं रोका गया, तो 15 सितंबर तक नदी के गर्भ में कुचायकोट प्रखंड के आधा दर्जन गांव समा सकते हैं. वर्ष 2014 में कालामटिहनिया पंचायत के छह गांव नदी के गर्भ में समा चुके हैं. एक दर्जन गांवों का अस्तित्व मिट चुका है. एक्सपर्ट के साथ दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल मांझी के नेतृत्व में युवाओं की पूरी फौज लगी हुई है.
नदी की पूजा के बाद काम शुरू, किया अनुष्ठान
वैदिक मंत्रों के साथ नारायणी नदी की पूजा की गयी. पूजा में नारायणी नदी से अपने कोप को शांत करने का आग्रह भी किया गया है. नदी का कोप शांत रहा और ईश्वर की कृपा से ही नदी की धारा को पुन: वापस किया जा सकता है. इसके लिए विद्वानों और पुरोहितों के द्वारा नदी को शांत करने के लिए अनुष्ठान किया गया. इस मौके पर पैक्स अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय, जग्रनाथ सिंह, प्रदीप पासवान, कन्हैया तिवारी, हजारी यादव, बिहारी चौरसिया, मुमताज अली, अजय कुशवाहा, नाजिर अली, राजेश देहाती, असगर अली, डाॅ बलवान सिंह, धर्मेंद्र पासवान, नंदकिशोर नंदु आदि की भूमिका प्रमुख रही.
करोड़ों हो चुका है खर्च
गंडक नदी की धारा बदलने के लिए 2013 में हैदराबाद की धरती ड्रेनेज कंपनी को काम दिया गया था. बिना काम कराये ही कंपनी ने आठ करोड़ रुपये की निकासी कर ली. इस मामले का जब खुलासा हुआ, तो अधीक्षण अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक नौ लोगों को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद पुन: पाइलट चैनल बना कर नदी के मुंह को मोड़ने का प्रयास किया गया, जो अब तक विफल है. इस वर्ष ड्रेनेज करने का काम शुरू किया गया है.
कटाव करती गंडक नदी की पूजा करते ग्रामीण.
इलाके के सैकड़ों ग्रामीण कर रहे हैं श्रमदान
56 गांवों को िमलेगी राहत
गंडक नदी की धारा अगर मुड़ गयी, तो कुचायकोट प्रखंड के विश्वंभरपुर, कालामटिहनिया, टाड़पर, धूपसागर, फुलवरिया, गुमनिया, रूपछाप, खरगौली, सिपाया टोला, दुर्ग मटिहनिया, खेममटिहनिया, भसही, बरइपट्टी, नवादा, निमुइया समेत लगभग 56 गांवों को कटाव से राहत मिलेगी.

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