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प्रस्तावित बांध को सड़क पर बनाने का निर्णय
पायलट चैनल के लिए विशेषज्ञों की टीम ने किया सर्वे गंडक नदी के कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञों की टीम पिछले एक सप्ताह से कैंप कर दियारा में अध्ययन करने में लगी है. इनकी रिपोर्ट के आधार पर नदी से बचाव के लिए एक्शन प्लान सरकार बनायेगी. प्लान के तहत […]
पायलट चैनल के लिए विशेषज्ञों की टीम ने किया सर्वे
गंडक नदी के कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञों की टीम पिछले एक सप्ताह से कैंप कर दियारा में अध्ययन करने में लगी है. इनकी रिपोर्ट के आधार पर नदी से बचाव के लिए एक्शन प्लान सरकार बनायेगी. प्लान के तहत कटाव से लाखों की आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए यह बेहतर पहल है.
गोपालगंज : यूपी के अहिरौली दान से विशुनपुर बांध तक नया गाइड बांध बनाने से कुचायकोट प्रखंड के अलावा कई अन्य प्रखंडों में आने वाली बाढ़ को आसानी से रोका जा सकता है. इस बांध की अब आवश्यकता विभाग के हाइलेवल विशेषज्ञों की टीम ने भी महसूस किया है. विशेषज्ञों की टीम ने नये बांध को अहिरौली दान को जोड़ने वाली सड़क पर बनाने पर मंथन किया.
इससे न सिर्फ बाढ़ की संभावना कम होगी, बल्कि सड़क भी सुरक्षित होगी. 200 मीटर लंबी सड़क को बांध में प्रयोग कर पुस्तावर्म रोड को कनेक्ट करने से बाढ़ का खतरा कम होगा. बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष तथा विशेषज्ञों की टीम के लीडर अब्दुल हमीद के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने अहिरौली दान से लेकर विशुनपुर तक गंडक नदी के तटबंध पर किया.
इसके अलावा यूपी के बाघा चंवर से पायलट चैनल बनाने पर पतहरा तक जोड़ने की मांग भी की गयी, लेकिन इलाका यूपी का होने के कारण विशेषज्ञों ने इससे इनकार कर दिया. हालांकि पतहरा में बनाये गये पायलट चैनल को ड्रेनेज कर नदी की मेनधारा से जोड़ने के लिए अभियंताओं ने जोर दिया. इसके अलावा विशेषज्ञों की इस रिपोर्ट पर गंडक नदी की बाढ़ से निजात दिलाने के लिए सरकार हर स्तर पर तैयारी करेगी.
इसी वर्ष इनकी रिपोर्ट पर बाढ़ के पूर्व वर्क पूरा किया जायेगा. टीम में अधीक्षण अभियंता कृष्णचंद्र मिश्रा, कार्यपालक अभियंता, शरद कुमार, सहायक अभियंता हैदर अली, अधीक्षण अभियंता सफी अहमद के अलावे दियारा संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल मांझी, राजेश देहाती, नंदकिशोर नंदू, राहुल कुमार समेत कई ग्रामीण शामिल थे. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यूपी से विशुनपुर तटबंध से जोड़ने के लिए बनाये गये बांध के प्रस्ताव को सरकार ने पारित करते हुए राशि के आवंटन के लिए केंद्र सरकार के जल संसाधन विभाग को भेज दिया. जहां गंगा आयोग में राशि आवंटन के लिए फाइल अटकी हुई है. अगर राशि का आवंटन हुआ रहता तो अब तक बांध का निर्माण शुरू हो गया रहता.
क्या कहते हैं अधिकारी
गंडक नदी से बाढ़ से बचाव के लिए हर स्तर पर मंथन किया जा रहा है. स्थायी निदान कैसे निकलेगा इस पर चिंतन चल रहा. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने फैसला किया है कि तत्काल इसे पूरा कराया जायेगा.
अब्दुल हमीद, अध्यक्ष, अध्ययन दल
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