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मौत पर फूटा जनाक्रोश
sunil.chowdhary@prabhatkhabar.in उचकागांव : रास्ते के विवाद के बाद हुई घटना में मीरगंज के इंस्पेक्टर राम सेवक यादव, थानाध्यक्ष, फुलवरिया थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे. पुलिस के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. स्थिति विस्फोटक होते देख मीरगंज थानेदार के समझाने पर शव को लेकर ग्रामीण उचकागांव थाना क्षेत्र के अमठा भूअन […]
sunil.chowdhary@prabhatkhabar.in
उचकागांव : रास्ते के विवाद के बाद हुई घटना में मीरगंज के इंस्पेक्टर राम सेवक यादव, थानाध्यक्ष, फुलवरिया थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे. पुलिस के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. स्थिति विस्फोटक होते देख मीरगंज थानेदार के समझाने पर शव को लेकर ग्रामीण उचकागांव थाना क्षेत्र के अमठा भूअन सड़क पर शव को रख दिया तथा हंगामा शुरू कर दी. उचकागांव के सीओ अशोक शर्मा पहुंचे.
सीओ के काफी समझाने के बाद चार घंटे बाद लोगों ने जाम हटाया और यातायात बहाल हो सका. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उचकागांव थाना क्षेत्र के भुअला गांव में भिखूराम और उसके पड़ोसी से रास्ते की जमीन को लेकर विवाद हो गया, जिसमें 18 फरवरी को मारपीट हुई. दूसरा पक्ष के प्रभाव में उचकागांव पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली. भिखुराम जब प्राथमिकी दर्ज कराने गया, तो पुलिस ने भगा दिया.
उधर, भिखुराम का बेटा सुदीश राम (2 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे इलाज के लिए हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने हालत नाजुक देख गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. गोरखपुर से उसे पीजीआइ लखनऊ रेफर कर दिया गया था. पीजीआइ में इलाज के दौरान सोमवार की देर रात उसकी मौत हो गयी.
पुलिस के खिलाफ यूं ही नहीं फूटा था आक्रोश : उचकागांव. पुलिस के खिलाफ यू ही लोगों का आक्रोश नहीं फूटा था. 18 फरवरी को जिस जमीन को रास्ते के लिए विवाद हुआ दोनों पक्ष के बीच मारपीट हुआ.
मारपीट के घटना में ग्रामीणों का आरोप है कि जब घायल सुदीश राम उसकी मां हिरामती देवी एवं अन्य परिजन पुलिस में प्राथमिकी के लिए पहुंचे तो उन्हें भगा दिया गया. हालांकि अनुमंडलीय अस्पताल हथुआ मे स्थिति को गंभीर देख डॉक्टरों ने तत्काल प्रभाव से रेफर कर दिया था.
जहां इलाज के क्रम में सोमवार की रात मौत हो गयी. लोगों के आक्रोश की सूचना पर 6.30 से 8.30 बजे तक काजीपुर मोड़ पर लोगों ने सड़क जाम किया. लेकिन उचकागांव के थानेदार भय के कारण नहीं पहुंचे.
जब वरीय अधिकारी नहीं पहुंचे तो शव को लेकर लोग लाइन बाजार पहुंचे और बाजार को बंद करा कर हंगामा शुरू करा दिया. मीरगंज पुलिस के कहने पर शव को उठाया और अमठा भूअन में रखा. लोगों का आंदोलन 10.30 बजे तक चलता रहा इस दौरान उचकागांव के थानाध्यक्ष मौके पर नहीं पहुंचे. मीरगंज के इंस्पेक्टर राम सेवक सिंह, सीओ अशोक शर्मा आदि के समझाने पर किसी तरह मामला शांत हुआ.
केमिस्ट बनने की तैयारी में था मृतक
परिजनों की माने तो सुदीश राम केमिस्ट्री से बीएससी बास किया था उसे केमिस्ट बनने की सपना था. उसका बड़ा भाई हरिकेश राम भाई की सपना को पूरा करने के लिए विदेश में दिन रात मेहनत करने में लगा हुआ था. इस बीच भाई की मौत ने पूरे परिवार पर कहर ढ़ाह दिया है. पूरा परिवार टूट चुका है. परिवार का सपना पल भर में बिखर कर रह गया है.
आंसुओं में डूबी मां
बेटे की शव को देख मां हिरामती देवी आंसुओं में डूब गयी. हिरामती को समझाने के लिए मुहल्ला के आस पास के लोग काफी प्रयास में थे. लेकिन परिजनों में चीत्कार मचा रहा. परिजनों ने कभी सोचा भी नहीं था कि घर का लाडले का अंतिम संस्कार उन्हें करना पड़ेगा. मां हिरामती देवी बार बार बेहोश हो जा रही थी. पूरा परिवार गहरा सदमा में है. मां को भी उस घटना में गंभीर चोटे आयी थी. हंगामा और प्रदर्शन के बाद पुलिस हरकत में आयी है. और कार्रवाई भी शुरू हो गयी है.
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