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थोड़ी-सी चूक और आठ फीसदी का झटका

थोड़ी-सी चूक और आठ फीसदी का झटका समय से जमा नहीं करने पर ब्याज दर 4 से 12 प्रतिशत हो जाती हैसमय-समय पर लेन देन से किसान को मिलेगा विशेष फायदागोपालगंज. केसीसी ऋण किसानों के लिए जहां वरदान है, वहीं समय से जमा न करने पर बड़ा नुकसान तो करता है. फसल सुरक्षा बीमा समाप्त […]

थोड़ी-सी चूक और आठ फीसदी का झटका समय से जमा नहीं करने पर ब्याज दर 4 से 12 प्रतिशत हो जाती हैसमय-समय पर लेन देन से किसान को मिलेगा विशेष फायदागोपालगंज. केसीसी ऋण किसानों के लिए जहां वरदान है, वहीं समय से जमा न करने पर बड़ा नुकसान तो करता है. फसल सुरक्षा बीमा समाप्त हो जाता है और चार प्रतिशत ब्याज दर 12 प्रतिशत की दर पर पहुंच जाती है. धीरे-धीरे किसान ब्याज के मकड़जाल में उलझ कर टूटने लगते हैं. केसीसी ऋण किसानों को बैंक मात्र सात प्रतिशत पर देते हैं. यदि समय से किसान ने जमा कर दिया, अर्थात रबी की फसल का ऋण, रबी की फसल कटने के बाद जमा कर दिया, तो उसे खरीफ की फसल का ऋण तुरंत मिल जायेगा और फसल का बीमा भी हो जायेगा. साथ ही समय से जमा करने पर केंद्र सरकार दो प्रतिशत व राज्य सरकार एक प्रतिशत ब्याज पर सब्सिडी दे देती है. अर्थात सात प्रतिशत ब्याज दर में तीन प्रतिशत की छूट मिल जाती है. यानी किसान को सिर्फ चार प्रतिशत ही ब्याज देना पड़ता है. यदि उसने समय से जमा नहीं किया तो ऋण डिफाॅल्ट मान लिया जाता है और चार प्रतिशत की जगह उसकी ब्याज दर प्रतिशत पर पहुंच जाती है. साथ ही फसल बीमा सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है. इतना ही नहीं समय से जमा करने पर प्रतिवर्ष दस प्रतिशत की जगह उसकी ब्याज दर 12 प्रतिशत पर पहुंच जाती है. साथ ही फसल बीमा सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है. इतना ही नहीं समस से जमा करने पर प्रतिवर्ष दस प्रतिशत ऋण की धनराशि भी बढ़ा दी जाती है. किसान का दुर्घटना बीमा हो जाता है. यदि समय किसान ने ऋण जमा नहीं किया तो भी तीन साल तक दुर्घटना मृत्यु होने पर उसके परिजनों को 50 हजार की बीमा राशि प्रदान की जाती है. फसल पर प्रति एकड़ ऋणगेहूं- 19 हजार, जौ- 13 हजार, चना- 95 सौ, मटर- 10500, मसूर – 10 हजार, सरसो – 12500, धान – 19500, अरहर – 12000, उर्द- 7 हजार, मूंग-7 हजार, गन्ना – 40 हजार, मक्का – 9 हजार, बाजरा – 9 हजार, मूंगफली – 11 हजार, सोयाबीन – 8 हजार, आलू – 36500, केजर टिश्यू – 77 हजार, केला सामान्य – 38500, लहसुन- 24 हजार, प्याज – 31500, मिर्चा 32 हजार, टमाटर – 42 हजार, भिंडी- 21500, परवल- 28500, गोभी- 24 हजारक्या कहते हैं अधिकारीकिसानों को समय से केसीसी ऋण जमा कर देने पर कई तरह के फायदे हैं. एक तो चार प्रतिशत ब्याज लगता है. इतना सस्ता कोई ऋण नहीं है. नहीं जमा करने पर फसल सुरक्षा खतरे में तो पड़ती ही है. ब्याज भी चार से बढ़ कर 12 प्रतिशत हो जाता है. इसलिए किसानों को चाहिए वे समय से ऋण जमा कर योजना का पूरा लाभ उठाएं. डॉ राघव पांडेय, प्रबंधक एसबीआइ, एडीबी, गोपालगंज

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