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अपीलीय प्राधिकार में फंसा गुरुजी का भविष्य

शिक्षक नियोजन में विवादों के निबटारे के लिए अपीलीय प्राधिकार का गठन किया गया था. गोपालगंज में अपीलीय प्राधिकार शिक्षा माफियाओं के चंगुल में आरंभ में ही फंस गया. नतीजा है कि अपीलीय प्राधिकार के हर आदेश को माफिया तय करते हैं. प्रत्येक आदेश पर लाखों का सौदा इन दिनों हो रहा है. प्राधिकार के […]

शिक्षक नियोजन में विवादों के निबटारे के लिए अपीलीय प्राधिकार का गठन किया गया था. गोपालगंज में अपीलीय प्राधिकार शिक्षा माफियाओं के चंगुल में आरंभ में ही फंस गया. नतीजा है कि अपीलीय प्राधिकार के हर आदेश को माफिया तय करते हैं. प्रत्येक आदेश पर लाखों का सौदा इन दिनों हो रहा है.

प्राधिकार के आदेश पर बिना रिक्ती के शिक्षक जाकर स्कूलों में योगदान कर रहे हैं. उनका भुगतान विभाग कहां से करेगा, इसका पेच फंसा हुआ है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने पत्र लिख कर नियोजन इकाइयों को योगदान कराने पर रोक लगा दी है.

गोपालगंज : अपीलीय प्राधिकार के चंगुल में फंस कर गुरुजी का भविष्य अधर में लटक गया है. बिना रिक्ती के अपीलीय प्राधिकार ने लगभग 115 अभ्यर्थियों को योगदान करने का निर्देश दिया, जिसमें नियोजन इकाइयों ने लगभग 90 शिक्षकों का योगदान भी करा लिया. 25 से अधिक अभ्यर्थी अभी भी योगदान के लिए प्राधिकार का आदेश लेकर भटक रहे हैं. मामला जब शिक्षा विभाग के सामने आया, तो विभाग ने इस पर आपत्ति जताते हुए आनन-फानन में सभी नियोजन को आदेश दिया कि प्राधिकार के आदेश पर शिक्षकों का योगदान न कराया जाये. विभाग ने अपीलीय प्राधिकार के सदस्य के आदेशों का काला चिट्ठा खोलते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर पूरे मामले की जानकारी दी. साथ ही विभाग से मार्गदर्शन की मांग भी की. विभाग का मानना है कि वर्ष 2006 की रिक्ती क्रमश: 2008, 2011, 2013, 2014 में समाप्त हो चुका है. इसके बाद भी प्राधिकार के तरफ से 2006 तथा 2008 का रिक्ती बता कर नियोजन का आदेश पारित किया जा रहा है, जो पूरी तरह से असंवैधानिक और अवैध है.

विभाग की चुप्पी से जारी होता रहा प्राधिकार का आदेश : डीइओ को जानकारी देने के बाद भी शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों ने चुप्पी साध ली, जिससे प्राधिकार का आदेश आज भी जारी हो रहा है. प्राधिकार का आदेश अवैध होने के बाद भी शिक्षा विभाग पूरी तरह से लाचार बना हुआ है. शिक्षक नियोजन इकाई तथा प्राधिकार में सेटिंग के तहत आदेश जारी किया जा रहा है. इस आदेश को लेकर गुरुजी का भविष्य फिलहाल अंधकार में है.

क्या कहते हैं अधिकारी

अपीलीय प्राधिकार के आठ मामले मेरे सामने गलत पाये गये हैं. इसको लेकर मैंने विभाग को भी लिख कर पूरी स्थिति की जानकारी देते हुए आपत्ति दर्ज कराया है. नियोजन इकाइयों को भी सजग किया गया है, ऐसे मामलों में योगदान न कराएं.

संजय कुमार, डीपीओ स्थापना, गोपालगंज

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