हिंदी में ही है विश्व भाषा बनने का सामर्थ्य : गिरीश शंकरसंवाददाता, पटनाहिंदी दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय में सचिव और बिहार कैडर के अाइएएस अधिकारी गिरीश शंकर ने कहा कि हिंदी में ही विश्व भाषा बनने का सामर्थ्य है. स्पीकर हॉल , कंस्टीट्यूशन क्लब, दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद की ओर से आयोजित 11 वां विश्व हिंदी दिवस का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा की हिंदी के संवर्धन के लिए विश्व हिंदी परिषद का प्रयास सरहानीय है. परिषद के संयोजक डॉ विपिन ने कहा कि हिंदी की महत्ता को विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए विश्व हिंदी परिषद द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. मुख्य वक्ता के रूप में संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष सत्यनारायण जिटया ने कहा कि साहित्य, कला ,संस्कृति ,ज्ञान विज्ञान ,संचार बाजार सभी क्षेत्रों में हिंदी ने अपनी महत्ता कायम की है . विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद अश्वनी चौबे ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई होती है. भूमंडलीकरण के चलते हिंदी का महत्व व्यापक हो गया है. सांसद राम कुमार शर्मा कहा की बदलती दुनिया में हिंदी की प्रसंगिकता और उपयोगिता नये हिंदी में अनुवाद कार्य का मार्ग प्रशस्त किया है. जिसके चलते हिंदी बाजार और रोजगार से जुड़ी है. एनएचपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक केएम सिंह ने कहा कि पूंजीवाद के इस दौर में बाजार के लिए हिंदी अनिवार्य बन गयी है. कार्यक्र म की अध्यक्षता करते हुए बृज किशोर शर्मा ने कहा कि बोलने के लिहाज से अगर देखें तो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा होने के बावजूद हिंदी अभी संयुक्त राष्ट्र में भाषा के तौर पर शामिल नहीं हो पायी है. इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उपन्यासकार नरेंद्र कोहली को सम्मानित किया गया.
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हिंदी में ही है वश्वि भाषा बनने का सामर्थ्य : गिरीश शंकर
हिंदी में ही है विश्व भाषा बनने का सामर्थ्य : गिरीश शंकरसंवाददाता, पटनाहिंदी दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय में सचिव और बिहार कैडर के अाइएएस अधिकारी गिरीश शंकर ने कहा कि हिंदी में ही विश्व भाषा बनने का सामर्थ्य है. स्पीकर हॉल , कंस्टीट्यूशन क्लब, दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद की ओर से आयोजित […]
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