गोपालगंज : मौसम में गरमाहट से गरम कपड़ों का बाजार ठंडा हो गया. पिछले तीन सालों में पड़ी सर्दी की रिपोर्ट पर निगाह डालें तो जनवरी माह में दिन का तापमान 24 डिग्री और रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. जबकि, विगत वर्षों में जनवरी माह में 13 से 14 डिग्री. वहीं, रात में चार से छह डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था. ठंड की इस बेरूखी के चलते गरम कपड़ों का कारोबार करनेवाले व्यापारी ग्राहकों की बाट जोह रहे हैं.
फड़ से लेकर शो रूम में व्यापार करनेवालों की मानें, तो पिछले साल के मुकाबले इस बार 70 फीसदी कारोबार कम हुआ. इन दिनों कड़ाके की सर्दी में गरम कपड़ों की दुकानों पर पैर रखने की जगह नहीं रहती थी. लेकिन, अब की बार तो जनवरी में ही फरवरी जैसा मौसम देख कंपनियों ने भी 15 दिन पहले ही गरम कपड़ों की खरीदारी पर छूट देनी शुरू कर दी है. लुधियाना के कारोबारी इस मौसम से इतने आहत हैं कि 60 फीसदी थोक कारोबारियों को छूट दे रहे हैं. गरम कपड़ों से लेकर सर्दियों में ज्यादा बिकनेवाले ड्राइफ्रूट, कोयला, गजक व रेवड़ी की भी बिक्री नहीं हो रही.
कड़ाके की सरदी 15 दिसंबर से शुरू हो जाती थी और इन दिनों स्कूल पूरी तरह बंद रहते थे. लेकिन, इस बार एक दिन भी एेसी ठंड नहीं पड़ी, जिससे कंपकपी छूटी हो. इन दिनों मोजे, कैप, दस्ताने, मफलर, स्टाल व कुरतियां, जैकेट आदि का व्यापार चरम पर होता था, पर इस बार इनकी बिक्री भी सुस्त पड़ी हुई है. मौसम विज्ञानियों की मानें, तो ग्लोबल मकर सक्रांति आने तक मौसम गरम होने का अनुमान है.
हीटर भी बना शो पीस
हीटर और अंगीठी भी इस बार शो पीस बने हुए हैं. सीधे 50 फीसदी कारोबार डाउन हुआ है. हीटर व अंगीठी की बिक्री की उम्मीद अब कारोबारियों ने छोड़ दी है.
इन दिनों एक दिन में 25 हीटर एक दुकानदार के बिक जाते थे. लेकिन, इस बार पांच भी बिक जाएं, तो गनीमत है. अंगीठी का भी यही हाल है.
दिन भर में दो-तीन अंगीठी ही बिक रही है. कारोबारियों की मानें, तो कड़ाके की सरदी में विशेष तौर पर अंगीठी खरीदी जाती थी.