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यह दूध नहीं, जहर है जनाब!

यह दूध नहीं, जहर है जनाब!हार्ट और किडनी के लिए खतरनाक है यह दूधदूध के कारण पेट में बढ़ रही कैंसर की बीमारीसंवाददाता, गोपालगंजमिलावटखोर मुनाफा कमाने के चक्कर में कास्टिक सोडा, यूरिया, घटिया तेल, डिटर्जेंट जैसे घातक पदार्थों को मिला कर नकली दूध बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं. मिलावटी दूध के कारण हार्ट, […]

यह दूध नहीं, जहर है जनाब!हार्ट और किडनी के लिए खतरनाक है यह दूधदूध के कारण पेट में बढ़ रही कैंसर की बीमारीसंवाददाता, गोपालगंजमिलावटखोर मुनाफा कमाने के चक्कर में कास्टिक सोडा, यूरिया, घटिया तेल, डिटर्जेंट जैसे घातक पदार्थों को मिला कर नकली दूध बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं. मिलावटी दूध के कारण हार्ट, किडनी, बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ने के साथ ही तमाम बीमारियां पैदा हो रही हैं. ऐसे विशेषज्ञों ने बहुत ही आसान फाॅर्मूला तैयार किया है, जिससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे यह पता लगा सकता है कि दूघ है या जहर बन चुका है. ऐसे करें जांच -टेस्ट ट्यूब यानी परखनली में पांच एमएल दूघ लें. उसमें पांच एमएल डाई मिथाइल एमिनो बेंजाएल्डी हाइड सॉल्यूशन मिला कर कुछ देर तक हिलाएं. इसके बाद अगर दूध पीला पड़ जाये, तो समझें कि इसमें यूरिया मिलाया गया है. -10 एमएल दूध का रंग रेडरोज हो जाये, तो समझ लें कि इसमें कास्टिक सोडा मिलाया गया है.-पांच एमएल दूध में दो-तीन बूंद ब्रोमोक्रिसाल पर पल सॉल्यूशन मिलाने पर हल्का बैंगनी रंग हो जाता है, तो समझ लें कि दूध में मिलावट है.ऐसे खपती है मिलावट कूकिंग आयल : मिलावटी दूध में पानी घटिया व सस्ते खाद्य तेल मिलाएं जाते है. यह फैट का विकल्प बन जाता है और उसकी मात्रा का संतुलन बनाएं रखता है.डिटर्जेंट : यह एमल्सीफायर होता है जो और पानी को मिलाने का काम करता है. साथ ही नकली दूध को असली रंग (क्रीम कलर) देता है. यूरिया : बनाये गये नकली दूध में यूरिया डाल कर स्वाद बढ़ाया जाता है.कास्टिक सोडा : कास्टिक सोडा बनाये गये नकली दूध को न्यूट्रिलाइज करता है, जो इसके दुष्परिणाम को दबाते हुए एसिडिटी को कम करता है. मिलावट के दुष्परिणाम यूरिया और कास्टिक सोडा हार्ट और लिवर के साथ ही किडनी को भी खराब करते हैं. वैसे भी शरीर में अगर यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है, तो किडनी खराब होने लगती है. जानकार बताते हैं कि कास्टिक सोडा में जो सोडियम होता है वह मध्यम जहर का काम करता है. इससे भी हाइपर टेंशन और हार्ट की समस्या बढ़ती है. इसका महिलाओं और बच्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.अब घर बैठे जांचें दूघ की शुद्धता’लेक्टोमीटर से सिर्फ पानी की मिलावट व फैट का ही अनुमान लग पता है. इस नयी तकनीक से आसानी से पता चल जायेगा कि दूघ है या जहर. डॉ संजीव कुमार, पशु चिकित्सा पदाधिकारी, गोपालगंज

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