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रेवेन्यू सरप्लस नहीं होगा 2016-17 का बजट

रेवेन्यू सरप्लस नहीं होगा 2016-17 का बजट- राज्य में शिक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के कारण होगा यहसंवाददाता, पटनामौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन महीने बचा हुआ है, लेकिन इसके साथ ही वित्त विभाग में नये बजट को तैयार करने की पहल भी शुरू हो गयी है. नये वित्तीय वर्ष 2016-17 का […]

रेवेन्यू सरप्लस नहीं होगा 2016-17 का बजट- राज्य में शिक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के कारण होगा यहसंवाददाता, पटनामौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन महीने बचा हुआ है, लेकिन इसके साथ ही वित्त विभाग में नये बजट को तैयार करने की पहल भी शुरू हो गयी है. नये वित्तीय वर्ष 2016-17 का बजट रेवेन्यू सरप्लस वाला नहीं होगा. इसका प्रमुख कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष 2015-16 में शिक्षकों को वेतनमान देना, सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, पेंशन समेत इस तरह के अन्य मदों में खर्च बढ़ने के कारण इसका प्रभाव राज्य के राजस्व पर पड़ेगा. इस वित्तीय वर्ष और आगामी वित्तीय वर्ष में नये पदों पर बहाली होने के कारण भी वेतन मद का आकार बढ़ने के आसार है. इस कारण भी राजस्व सरप्लस बजट नहीं होने की उम्मीद है. हालांकि ऐसा होना राज्य की तरक्की के लिए एक तरह से अच्छा ही माना जा रहा है.रेवेन्यू सरप्लस बजट नहीं होने का मतलब यहकई वित्तीय जानकारों का कहना है कि रेवेन्यू सरप्लस बजट नहीं होने का मतलब वेतन, पेंशन और सड़क एवं भवनों के मेंटेनेंस या रखरखाव पर खर्च बढ़ना है. सरकार नये रोजगार का सृजन अपने स्तर से कर रही है. इस कारण भी रेवेन्यू सरप्लस बजट नहीं हो रहा है. यह लोगों के लिए हितकारी ही साबित होगा. राज्य में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है. साथ ही सड़कों और भवनों के रखरखाव पर भी ध्यान ज्यादा दिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य तरह के ऑपरेशनल कार्य पर सरकार की तरफ से ध्यान ज्यादा दिया जा रहा है, जिसका नतीजा बजट रेवेन्यू सरप्लस नहीं होना है. इस तरह के परिणाम पिछले कई साल के प्रयास के कारण संभव हो पाया है.पिछले पांच साल से रेवेन्यू सरप्लस था बजटपिछले पांच सालों से लगातार राज्य का बजट रेवेन्यू सरप्लस वाला ही था. इसका प्रमुख कारण सरकारी स्तर पर कर्मचारियों की भर्ती बड़े स्तर पर नहीं होना. इससे कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद लगातार स्थान खाली होते गये और वेतन मद का खर्च कम होता गया. इसके अलावा आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर ही ज्यादा खर्च हो रहा था. राज्य में अब सड़क समेत अन्य कई आधारभूत संरचनाओं का निर्माण हो गया है, जिनका मेंटेनेंस अब होना है. इन पर भी खर्च शुरू हो गया है. इस कारण भी राजस्व मद में खर्च बढ़ा है. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 से ही रेवेन्यू सरप्लस को नियंत्रित करने पर ध्यान देना शुरू कर दिया था. इसका नतीजा इस मौजूदा वित्तीय वर्ष और आगामी वित्तीय वर्ष में देखने को मिल रहा है. इस वित्तीय वर्ष इतना रहा रेवेन्यू सरप्लस बजटवर्ष रुपये2010-11 6,3162011-12 4,820 2012-13 5,1002013-14 6, 4412014-15 5,847

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