विजयीपुर : देव भाषा संस्कृत को अलख जगाने के लिए पहली बार यूजीसी की तरफ से विजयीपुर के श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन ने इतिहास रचा. विद्वानों के द्वारा दिये गये व्याख्यान से विजयीपुर की धरती गौरवान्वित हो उठी. कॉलेज का परिसर विद्वानों से भरा पड़ा था.
एक – एक शब्द समाज को दिशा दे रहा था. कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देव नारायण झा ने अपने अभिभाषण में भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया. उन्होंने महिलाओं के सम्मान के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि हम अपनी भारतीय सभ्यता और संस्कृति को अपनाएं, तो नारी का सम्मान स्वत: सीख लेंगे. वेद, पुराण, शास्त्र सब गवाह हैं कि नारी के सम्मान से ही समाज का विकास हुआ है.
हम अपनी सभ्यता को भूल कर पश्चिमी सभ्यता का नकल कर रहे हैं, जिसके कारण हमारी घर की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. महिलाओं के समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला. महिलाओं से समाज को किस तरह से संवरता है, इसका जिक्र करते हुए कुलपति ने महिलाओं को आदर करने की सलाह भी दी.
डॉ विंध्यवासिनी पांडेय ने आज का समाज और महिलाओं पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर परिचर्चा की. समारोह में पहुंचे कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देव नारायण झा, डॉ विंध्यवासिनी पांडेय, डॉ रामेश्वर राय, प्रभात खबर मुजफ्फरपुर के संपादक शैलेंद्र कुमार को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रामेश्वर प्रसाद ने कॉलेज की तरफ से अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया.
राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन गुरुवार को होगा. सीवान संस्कृत डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार, संस्कृत डिग्री कॉलेज छपरा के डॉ आभा पांडेय, डॉ आलोक कुमार पांडेय, डॉ ब्रजभूषण मणि त्रिपाठी, कुशीनगर डिग्री कॉलेज के हिंदी के विभागाध्यक्ष भी शामिल होंगे.