28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

साइड स्टोरी में जोड़े

साइड स्टोरी में जोड़े फैसले के समय गंभीर दिखे पूर्व सांसद कोर्ट में तेजाब हत्याकांड पर फैसला सुनाने के लिए जब यहां विशेष न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव अपनी कुरसी पर दिन 11 बज कर 40 मिनट पर विराजमान हुए, उसके पहले से ही अपने अधिवक्ताओं के साथ मो शहाबुद्दीन गुफ्तगू करते दिखे. सफेद पायजामा व […]

साइड स्टोरी में जोड़े फैसले के समय गंभीर दिखे पूर्व सांसद कोर्ट में तेजाब हत्याकांड पर फैसला सुनाने के लिए जब यहां विशेष न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव अपनी कुरसी पर दिन 11 बज कर 40 मिनट पर विराजमान हुए, उसके पहले से ही अपने अधिवक्ताओं के साथ मो शहाबुद्दीन गुफ्तगू करते दिखे. सफेद पायजामा व कुरते पर पीले रंग का स्वेटर पहने शहाबुद्दीन के चेहरे पर गंभीरता का भाव साफ नजर आ रहा था.जज के आने के बाद कठघरे में अपने स्टूल पर शहाबुद्दीन बैठ गये.अन्य तीन सह अभियुक्त कठघरे में पहले से खड़े थे. सजा के बिंदु पर विशेष लोक अभियोजक व आरोपितों के अधिवक्ता ने अपनी दलीलें पेश की.इसके बाद विशेष न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव ने अपना फैसला सुनाया.फैसला सुनाने के बाद जज तत्काल अपने चेंबर में चले गये,तो शहाबुद्दीन अपने अधिवक्ताओं के पास बैठ कर सहज मुद्रा में बातें करते रहे.हाइकोर्ट से राहत की बचाव पक्ष के अधिवक्ता को उम्मीदतेजाब हत्याकांड में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने कहा कि विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ जल्द ही हाइ कोर्ट में अपील करूंगा, जहां से हमारे मुवक्किल को राहत मिलेगी. तेजाब हत्याकांड जिस समय अंजाम दिया गया,उस समय मेरे मुवक्किल जेल मे बंद थे. इसके बाद भी उन्हें दोषी ठहराया गया है. पुलिस ने भी पूरे मामले के अनुसंधान के दौरान जेल प्रशासन से जुड़े किसी अधिकारी का बयान नहीं लिया है, जिससे कि यह साबित हो सके कि मो शहाबुद्दीन ने जेल से निकल कर घटना को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि जेल से निकलने के लिए तीन दरवाजों से गुजरना पड़ता है.अगर अभियोजक पक्ष की दलीलें अगर सही हैं, तो आखिर उन दरवाजों पर उनका रजिस्टर पर हस्ताक्षर क्यों नहीं हुआ और उन्हें जेल के अधिकारियों ने क्यों नहीं रोका.अगर उनकी दलीलें सही हैं तो जेल अधिकारियों को भी दोषी मानते हुए उन्हें भी यही सजा मिलनी चाहिए. मो शहाबुद्दीन के बड़े राजनैतिक रसूख के चलते प्रतिद्वंद्वियों ने द्वेष से उनको फंसाने का काम किया है. इसके अलावा फिल्म अभिनेता सलमान खान के हाल में हिट एंड रन के मामले में दोष मुक्त होने के फैसले का हवाला देते हुए अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने कहा कि मेरे मुवक्किल को भी उसी आधार पर बरी किया जाना चाहिए.अन्य तीन आरोपितों पर पूर्व में नहीं है कोई मुकदमातेजाब हत्याकांड में मुख्य आरोपित शहाबुद्दीन के अलावा सह अभियक्त बनाये गये तीन आरोपितों में से किसी पर भी पूर्व में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं रहा है.पुलिस रिकाॅर्ड का हवाला देते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह व इष्टदेव तिवारी ने कहा कि जिन व्यक्तियों पर कभी कोई मुकदमा नहीं रहा, उसके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराना मात्र साजिश है. अभियोजन पक्ष की उदासीनता से सह अभियुक्तों का मुकदमा लंबिततेजाब हत्याकांड में जहां चार आरोपितों को कोर्ट ने सजा सुना दी है,वहीं इससे संबंधित अन्य सात अभियुक्तों का मामला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तिलेश्वर राम के अदालत में लंबित है. 6 अक्तूबर, 2012 को तत्कालीन जज के द्वारा आरोप गठित किया जा चुका है, जिसमें अभियोजन ने अब तक किसी भी गवाह को प्रस्तुत नहीं किया है. साथ ही अभियोजन का कहना है कि आरोप में सुधार के लिए पांच माह पूर्व आवेदन दिया है.जिस पर सुनवाई नहीं हो रही है.जिसमें अगली तिथि 16 दिसंबर तय है.मेरे नेता को मिलेगा न्यायतेजाब हत्याकांड में मेरे पूर्व सांसद व नेता मो शहाबुद्दीन को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है.घटना के वक्त शहाबुद्दीन जेल में थे. घटना में उनका नाम पांच वर्ष बाद पुलिस द्वारा साजिश के तहत लाया गया. इस षड़यंत्र के खिलाफ हमलोग हाइकोर्ट जायेंगे तथा वहां न्याय मिलेगा.परमात्मा राम,जिलाध्यक्ष फोटो-19राजद,सीवानअन्याय के खिलाफ न्याय की जीत चंद्रा बाबू के तीन बेटों की जान जा चुकी है.11 वर्ष बाद आया यह फैसला अन्याय के खिलाफ न्याय व अधर्म के खिलाफ धर्म की जीत है.ऐसा कुकृत्य व जघन्य अपराध करने वालों को यही सजा मिलनी चाहिए.आरोपियों को अधिकतम सजा की लोगों को उम्मीद थी.कोर्ट के फैसले का मैं सम्मान करता हूं.इस निर्णय से न्यायालय की सर्वोपरिता व निष्पक्षता सिद्ध हुई है.ओमप्रकाश यादव,सांसद फोटो-20सीवाननिर्णय के बाद सोशल मीडिया पर छायी रही चर्चाकोर्ट के मो.शहाबुद्दीन समेत चार के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाते ही यह खबर क्रिया व प्रतिक्रिया के बीच सोशल मीडिया पर छा गया.लोगों ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया.साथ ही कहा कि जिस बाप ने अपने जिंदगी में ही दरिंदों के करतूतों के चलते तीन बेटों को कंधा देने को विवश हुआ.उसके लिए न्यायालय का यह फैसला सुकून भरा है.उधर मो.शहाबुद्दीन के शुभ चिंतकों ने भी फेसबुक व व्हाट्स एप पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मो.शहाबुद्दीन हमेशा लोकप्रिय रहे हैं.दो बार विधायक व चार बार सांसद जनता ने चुना.उनके द्वारा कराये गये विकास कार्यों की आज भी चर्चा होती है.फैसला सुनाने वाले जज 24वें बैच के हैं पीसीएस जेबहुचर्चित तेजाब हत्याकांड का फैसला सुनाने वाले एडीजे व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गठित विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव 24वे बैच के हैं पीसीएस जे हैं. इसके पूर्व वे मुजफ्फरपुर में व्यवहार न्यायालय में एडीजे के रूप में पदस्थापित रह चुके हैं.इसके बाद अब वे यहां पिछले दो वर्ष से तैनात हैं.यहां पूर्व में तैनात रहे एडीजे एसके पांडे के बेतिया स्थानांतरण के बाद यहां हाई कोर्ट के निर्देश पर श्री श्रीवास्तव को विशेष न्यायाधीश का दर्जा दिया गया था. यह कहा जाता है कि न्यायिक सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए बहुचर्चित तेजाब कांड की सुनवाई की जिम्मेदारी हाई कोर्ट ने अजय कुमार श्रीवास्तव को दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें