गोपालगंज : जिले में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर मामले की इतिश्री कर देती है. दर्जनों मामलों का खुलासा नहीं हुआ है. कई मर्डर मिस्ट्री हिस्ट्री बन कर रह गयी है. लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठता जा रहा है. यह तो केवल उदाहरण है. जिले में लगातार हो रहे हत्याकांड का आंकड़ा एक दर्जन से ऊपर है.
ऐसा नहीं है कि पुलिस काम नहीं कर रही है या फिर वारदातों का खुलासा नहीं हो रहा, लेकिन अनसुलझे हत्याकांड उसकी साख पर बट्टा लगाने के लिए काफी है. बरौली के सरेया अख्तिायार स्थित मदरसे में 28 सितंबर 2014 को 9 वर्षीय समीर की हत्या मदरसा के छत पर चाकू से गला काट कर किया गया था. फाॅरेंसिक जांच की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर साक्ष्यों को इकट्ठा कर ले गयी. आज तक इस मामले का खुलासा नहीं हुआ.
इसी तरह कुचायकोट थाना क्षेत्र के माधोमठ की रहनेवाली छात्रा गीता का अपहरण उसके कोन्हवा स्थित घर से 30 सितंबर, 2014 को हुआ. एक सप्ताह बाद उसके शव की हड्डियां और कपड़ा मनियारा जानेवाले रास्ते में नहर के किनारे से झाड़ियों से बरामद हुआ. फाॅरेंसिक जांच टीम के अधिकारी घटनास्थल से हड्डियों और महत्वपूर्ण साक्ष्यों को बरामद कर कर जांच के लिए ले गये. आज यह मामला हिस्ट्री बन कर रह गया है.