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निगरानी में फंसे दोषियों को सजा दिलाने की रफ्तार धीमी

निगरानी में फंसे दोषियों को सजा दिलाने की रफ्तार धीमी- 10 दिसंबर को सभी विभागों के निगरानी पदाधिकारी के साथ निगरानी के प्रधान सचिव की होगी समीक्षा बैठकसंवाददाता, पटनानिगरानी विभाग राज्य में सभी स्तर के भ्रष्ट लोक सेवकों पर नकेल कसने के लिए मुस्तैद है, लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है. खासकर आय से अधिक […]

निगरानी में फंसे दोषियों को सजा दिलाने की रफ्तार धीमी- 10 दिसंबर को सभी विभागों के निगरानी पदाधिकारी के साथ निगरानी के प्रधान सचिव की होगी समीक्षा बैठकसंवाददाता, पटनानिगरानी विभाग राज्य में सभी स्तर के भ्रष्ट लोक सेवकों पर नकेल कसने के लिए मुस्तैद है, लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है. खासकर आय से अधिक संपत्ति (डीए) अर्जित करने के मामलों में कई लोग पकड़े गये हैं, लेकिन संबंधित विभाग ने इन्हें अभी तक निलंबित नहीं किया है. इन पर अन्य विभागीय कार्रवाई करने की रफ्तार भी बेहद धीमी है. कई भ्रष्ट लोक सेवक ऐसे भी हैं, जिनका दोष साबित होने के बाद भी वे सेवा से बर्खास्त नहीं हो रहे हैं. सभी विभागों में ऐसे भ्रष्ट लोकसेवकों की संख्या करीब 150 है. इन पर कार्रवाई करने के लिए निगरानी विभाग ने कई बार संबंधित विभागों को भी कहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. कई डीए मामलों में भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन इनकी संपत्ति अभी तक जब्त नहीं की गयी है. ऐसे मामलों पर भी निगरानी विभाग की सख्त नजर है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए निगरानी विभाग के प्रधान सचिव ने 10 दिसंबर को सभी विभागों के निगरानी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक बुलायी है. इस बैठक में ऐसे तमाम मामलों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. इस दौरान चार प्रमुख एजेंडों पर चर्चा की जायेगी. इसमें निगरानी ब्यूरो समेत अन्य विभागों से यह जानकारी ली जायेगी कि अब तक हुए ट्रैपिंग के मामलों की स्थिति क्या है और इनकी सुनवाई की रफ्तार क्या है. कई मामलों के सुनवाई की रफ्तार बेहद धीमी है. इससे दोषियों को सजा मिलने में काफी देर हो जाती है. सभी विभागों में 40-42 मामले आय से अधिक संपत्ति के हुए हैं, लेकिन इनमें संपत्ति जब्त करने की रफ्तार बेहद धीमी है. किन विभागों में कितने लोक सेवक ट्रैप केस में फंसने के बाद भी बर्खास्त नहीं हुए हैं. इन पर विभागीय कार्रवाई करने में देरी की मुख्य वजह क्या है. मुकदमे में किन कमियों के कारण कुछ लोक सेवकों की संपत्ति तो जब्त हुई, लेकिन इनका मकान जब्त नहीं हुआ है. इन मामलों में हाल में कार्रवाई हुई वाणिज्य कर के सहायक आयुक्त, मुजफ्फरपुर के इंजीनियर समेत अन्य शामिल हैं.

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