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डीएम के साथ समझौते के बाद भी डॉक्टरों का इलाज से इनकार

नाराजगी : कुचायकोट अस्पताल में तीसरे दिन भी नहीं खुला ताला डीएम के साथ समझौते के बाद भी डॉक्टरों का इलाज से इनकारअस्पताल में सुरक्षा के बाद भी काम पर नहीं आये कर्मीहमलावरों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े डॉक्टर और कर्मीप्रभात फॉलोअपफोटो-10संवाददाता, कुचायकोटसड़क हादसे में दो युवकों के मौत के बाद कुचायकोट प्राथमिक स्वास्थ्य […]

नाराजगी : कुचायकोट अस्पताल में तीसरे दिन भी नहीं खुला ताला डीएम के साथ समझौते के बाद भी डॉक्टरों का इलाज से इनकारअस्पताल में सुरक्षा के बाद भी काम पर नहीं आये कर्मीहमलावरों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े डॉक्टर और कर्मीप्रभात फॉलोअपफोटो-10संवाददाता, कुचायकोटसड़क हादसे में दो युवकों के मौत के बाद कुचायकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ ओपी लाल पर हुए हमले के तीसरे दिन सोमवार को भी अस्पताल में ताला लटका रहा. दूर- दूर से आये मरीजों को या तो प्राइवेट नर्सिंग होम में या यूपी जाकर इलाज कराना पड़ा. अस्पताल में पिछले तीन दिनों से सन्नाटा पसरा है. अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मी काे छोड़ कर अस्पताल में कोई नहीं है. अस्पताल में पुलिस बल की तैनाती के बाद भी कर्मियों में खौफ है. कर्मियों ने हमलावरों की गिरफ्तारी तक काम पर जाने से इनकार किया है. उधर, रविवार को डीएम राहुल कुमार के साथ डॉक्टरों की बैठक एवं हड़ताल वापस लेने की सहमति के बाद भी कुचायकोट अस्पताल में डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर रहे. डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार की सुबह कुछ मरीज पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल में ताला नहीं खुलने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. ध्यान रहे कि शनिवार की सुबह छह बजे गोपालपुर थाना क्षेत्र के गुलौरा गांव के मनोज कुमार पांडेय तथा मठिया हाता गांव के रोहित मिश्रा को बाइक से आने के दौरान बघउच व वृत्तिटोला के पुल पर जेसीबी ने कुचल दिया था. रोहित मिश्रा को इलाज के लिए लोग जब अस्पताल पहुंचे, तो कोई डॉक्टर नहीं था. काफी देर तक इंतजार के बाद प्रभारी डॉ ओपी लाल के आवास पर लोग बुलाने गये, जहां इलाज से इनकार करने पर भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटा था. बचाने के क्रम में सीओ को भी पीटा गया था. तभी से डॉक्टर हड़ताल पर हैं. आज कर्मियों के साथ डॉक्टर करेंगे बैठकडॉक्टर और कर्मियों ने मंगलवार की सुबह बैठक बुलायी है. बैठक के बाद अस्पताल में काम करने पर निर्णय लिया जा सकेगा. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि प्रभारी पर हमला एवं कंपाउंडर बनारस राय की पिटाई से कर्मियों में काफी खौफ है. उन्होंने सोमवार को काम पर लौटने से इनकार कर दिया. मंगलवार को बैठक के बाद ही अस्पताल खुलने की उम्मीद जतायी गयी है. तो विभाग को दिया गया चकमाप्रभारी डॉ ओपी लाल ने तो सिविल सर्जन एवं वरीय अधिकारियों को इमरजेंसी सेवा सोमवार से ही चालू करने की रिपोर्ट देते हुए मंगलवार से ओपीडी भी चालू करने की बात कह दी है. इस बीच अस्पताल में ताला तक नहीं खुला. हालांकि अस्पताल में ताला नहीं खुलने की जानकारी विभाग ने दूसरे डॉक्टरों से ली है. विभाग को दिये गये चकमे पर वरीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. सदर अस्पताल का खुला ओपीडीसदर अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टरों ने सामान्य दिनों की तरह काम किया. शनिवार को लौटाये गये मरीजों को भी इलाज सोमवार को डॉक्टरों ने किया. ओपीडी में इलाज शुरू होने से मरीजों ने राहत की सांस ली है. प्रभारी सिविल सर्जन डॉ विंदेश्वरी शर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल समेत जिले के सभी अस्पतालों में इलाज शुरू कर दिया गया है. कुचायकोट अस्पताल में इलाज नही होने की बात सामने आयी है. इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

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