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प्रदूषण की खुराक से जानलेवा हुआ वॉयरस

प्रदूषण की खुराक से जानलेवा हुआ वॉयरस जिले में वॉयरस बुखार ने मचाया कहरस्ट्रेन बदल कर खतरनाक हुए वायरसगंदगी के बीच कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता, किडनी भी हो रही फेलगोपालगंज. बुखार की वजह से दर्जनों मरीजों की जान चली गयी, किंतु स्वास्थ्य विभाग तह तक नहीं पहुंच पाया है. विभाग का दावा है कि पांच […]

प्रदूषण की खुराक से जानलेवा हुआ वॉयरस जिले में वॉयरस बुखार ने मचाया कहरस्ट्रेन बदल कर खतरनाक हुए वायरसगंदगी के बीच कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता, किडनी भी हो रही फेलगोपालगंज. बुखार की वजह से दर्जनों मरीजों की जान चली गयी, किंतु स्वास्थ्य विभाग तह तक नहीं पहुंच पाया है. विभाग का दावा है कि पांच सौ से ज्यादा सैंपलों की जांच की गयी है. प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ने भी दो ब्लाॅकों का दौरा कर इस बुखार की नब्ज टटोलने का प्रयास किया, किंतु एक सी सैंपल वॉयरोलोजी लैब नहीं भेजा गया. ऐसा करने से वाॅयरस के नेचर का पता लाग कर मरीजों की जान बचायी जा सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि वाॅयरस हर वर्ष अपना स्ट्रेन यानी जीन बदल कर घातक रूप में उभरते हैं. बुजुर्ग बीमार, गर्भवती महिलाओं, बच्चों शूगर, हार्ट एवं सांस के मरीजों पर वाॅयरस संक्रमण ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है. प्रदूषण ने बढ़ाया खतराकई मरीजों में वाॅयरस संक्रमण, टाइफाइड एवं मलेरिया एक साथ देखा गया. प्रदूषित खान-पान एवं वातावरण की वजह से टाइफाइड के भी रिकॉर्ड केस दर्ज किये गये हैं. मेडिकल रिपोर्ट बताती है कि मलेरिया के मरीजों में किडनी में सूजन बढ़ने से फेल होने का खतरा बढ़ रहा है. दर्जनों मरीजों को डायलिसिस पर रखना पड़ा. प्रदूषित माहौल में मच्छरों ने वाॅयरस को ढोने का काम किया, जिसके संपर्क से मनुष्यों में पहुंचा. ऐसे माहौल में व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. गांवों में हर पांचवें व्यक्ति एवं तीसरी महिला में एनीमिया है. ये करें मरीज- बुखार तेज हो तो लापरवाही न करें. पैरासिटानमोल लेना शुरू कर दें. विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिखाएं.प्लेटलेट जांच से घबराएं नहीं. रक्तचाप पर नजर रखें. यह गिरे तो डॉक्टर से संपर्क करें.- अपने आसपास सफाई रखें. पानी भी उबला हुआ या शुद्ध जल पीयें. मच्छरों से बचाव करें, अन्यथा डेंगू व मलेरिया एक साथ भी हो सकता है.- तरल खाना खाएं, आराम करने से बुखार नियंत्रित होगा.- दर्द निवारक दवाएं न खाएं. यह वाॅयरल संक्रमण को बढ़ा देता है.- मलेरिया बुखार हो तो गुर्दे की भी जांच कराएं.- रहस्मय बुखार कुछ नहीं होता यह वाॅयरल के गंभीर हो जाने की स्थिति है. क्या कहते हैं विशेषज्ञसभी प्रकार के बुखारों में प्लेटलेट्स नीचे जा रहा है. प्रतीत होता है कि वॉयरस अपना स्ट्रेन बदल कर संक्रमण फैला रहे हैं. इसलिए स्थिति खतरनाक हुई. वायरलोजी लैब में इसका विश्लेषण किया जाये, तो निदान की राह आसान होगी. डॉ रमेश मिश्र, विशेषज्ञ, सदर अस्पताल

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