गोपालगंज : चौंकिए मत! यह सदर अस्पताल है. यहां तो अयोग्य के जिम्मे सदर अस्पताल की कमान सौंप दी गयी है. इलाज की बेहतर व्यवस्था कैसे होगी. आप अंदाजा खुद कर सकते हैं. जब अयोग्य के जिम्मे ही अस्पताल होगा. योग्य को बैठा कर सरकार तनख्वाह दे रही है.
आपको भी याद होगा कि 30 अप्रैल की रात में डॉक्टरों के इलाज के अभाव में दो मरीजों की मौत हुई थी. मौत पर भड़के लोगों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की थी. अस्पताल में बवाल के कारण डॉक्टर हड़ताल पर भी गये. तब भी अस्पताल की व्यवस्था खराब थी. तत्कालीन प्रभारी डीएम जेएन झा ने सिविल सर्जन डॉक्टर विभाष प्रसाद सिंह के प्रस्ताव पर एक अयोग्य के हाथ से अस्पताल की कमान वापस ले ली. एक डॉक्टर को तबदला मांझा कर दिया गया.
सिविल सर्जन के तबादले के साथ ही डीएम का भी तबादला हुआ. डीएम के तबादले से पुन: उसी अयोग्य के हाथों में अस्पताल की कमान सौंप दी गयी है. सड़क हादसे में घायल अज्ञात व्यक्ति की मौत सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में छठ के दिन हुआ था. यह मामला उजागर होने के बाद डीएम राहुल कुमार ने जांच बैठायी है.
जांच में क्या होगा यह भी सबको पता है. मरीजों को नहीं मिल रहीं बेहतर सुविधाएं अयोग्य के जिम्मे अस्पताल की व्यवस्था होने के कारण अस्पताल में इलाज कराने के लिए आनेवाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. अस्पताल की साफ – सफाई की व्यवस्था हो या मरीजों को मिलनेवाला भोजन, इन चीजों का लाभ भरती मरीजों को बेहतर तरीके से नहीं मिल रहा है. चिकित्सक से इलाज के बाद दवाएं भी अस्पताल से नहीं मिल रही हैं.
मरीजों को बाहर की दुकानों से कई महत्वपूर्ण दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. क्या कहते हैं अधिकारी मेरे और सिविल साहब के गोपालगंज योगदान करने से पहले से यह व्यवस्था है. अगर अयोग्य हैं, तो इसकी समीक्षा कर सिविल सर्जन की छुट्टी से वापस आने के बाद इस पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी. डाॅ विदेश्वरी शर्मा, प्रभारी सिविल सर्जन