बुनकरों से होगी सतरंगी चादर की खरीदपटना. सरकारी अस्पतालों में सतरंगी चादर की खरीद की कवायद शुरू हो गयी है. 5.67 लाख चादर की खरीद होनी है. इस पर करीब 25 करोड़ से अधिक खर्च आएगा. हथकरघा बुनकरों से अगर चादर की खरीद होती है, तो इन्हें रोजगार मिल जाएगा. चादर खरीद को लेकर शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. के अध्यक्ष मो. नकीब अंसारी ने हस्तकरघा बुनकरों से ही चादर खरीद का अनुरोध किया. हस्तकरघा एवं रेशम के निदेशक दिनेश कुमार ने भी राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को पत्र लिखकर राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. से प्राथमिकता के आधार पर चादर की खरीद का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मौकों पर कह चुके हैं कि सतरंगी चादर योजना से बुनकरों को लाभ होगा. बिहार राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. के अध्यक्ष मो. नकीब अंसारी ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि बुनकरों के हित में सतरंगी चादर की खरीद बुनकरों से हो. राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. को सतरंगी चादर की आपूर्ति के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने चादर खरीद कि लिए जो टेंडर 27 अगस्त को समाचार पत्र में निकाला है, वह बुनकरों के हित में नहीं है. चादर की खरीद एनजीओ के जरिए हो रहा है. सतरंगी चादर की खरीद को लेकर 2011 में स्वास्थ्य विभाग ने जो संकल्प जारी किया था, उसमें कहा गया था कि सरकारी अस्पतालों में 40531 वेड हैं, इसके लिए प्रति बेड 14 चादर के लिए 5.67 लाख चादर की जरूरत होगी. संकल्प के अनुसार इस मांग की पूर्ति के लिए राज्य के बुनकरों से चादर की खरीद होगी तो उन्हें रोजगार मिलेगा. बिहार राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लि. के अध्यक्ष मो. नकीब अंसारी ने वताया कि राज्य में 80 हजार से अधिक हस्तकरघा बुनकर हैं. 40 हजार तो इस संस्था से जुड़े हुए हैं. चादर की खरीद से हस्तकरघा उद्योग को जीवनदान मिल जाएगा.
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बुनकरों से होगी सतरंगी चादर की खरीद
बुनकरों से होगी सतरंगी चादर की खरीदपटना. सरकारी अस्पतालों में सतरंगी चादर की खरीद की कवायद शुरू हो गयी है. 5.67 लाख चादर की खरीद होनी है. इस पर करीब 25 करोड़ से अधिक खर्च आएगा. हथकरघा बुनकरों से अगर चादर की खरीद होती है, तो इन्हें रोजगार मिल जाएगा. चादर खरीद को लेकर शुक्रवार […]
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