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वोटवा में त नेतवन के बहार बा…… चुनाव के बाद नेताओं से भेंट नहीं होने का मलालजाति के हिसाब से नेता कर रहे वोटों की ठेकेदारीनुक्कड़ चर्चा – फोटो-25अवधेश कुमार राजन, लखरावभोरे का ऐतिहासिक बगीचे के रूप में विख्यात लखराव बाग आज उजड़ चुका है. यहां झोंपड़ी में बिकनेवाला खोवा और पेड़े का अपना महत्व […]

वोटवा में त नेतवन के बहार बा…… चुनाव के बाद नेताओं से भेंट नहीं होने का मलालजाति के हिसाब से नेता कर रहे वोटों की ठेकेदारीनुक्कड़ चर्चा – फोटो-25अवधेश कुमार राजन, लखरावभोरे का ऐतिहासिक बगीचे के रूप में विख्यात लखराव बाग आज उजड़ चुका है. यहां झोंपड़ी में बिकनेवाला खोवा और पेड़े का अपना महत्व है. एक बार जो लखराव बाग में आ गया वह खोवा और पेड़े का मुरीद हो गया. भोरे विस क्षेत्र का लखराव बाग की इन दुकानों पर चुनाव का शतरंज सुबह से शाम तक देखने को मिल रहा है. योगेंद्र की दुकान पर विजयादशमी के दिन सुबह के नौ बज रहे थे. भदही गांव के 80 वर्षीय बुजुर्ग बनकटिया गांव के नारायण चौधरी से चुनाव पर बहस कर रहे थे. 80 वर्षीय बुजुर्ग लालू प्रसाद के जमाने में राजद के लिए समर्पित थे. तब से लेकर आज तक एक चापाकल के लिए विधायक जी से कहते रह गये. नहीं मिला. आज भी दूध बेच कर परिवार की रोटी चलाते हैं. इतने में दुकानदार इनके पास चाय लेकर पहुंचा. बगल में बैठे प्रवीण मिश्र ने जिक्र किया कि इस बार आपकी जाती के लोग किधर वोट दे रहे हैं. बगल में बैठे राधाकांत त्रिपाठी प्रवीण मिश्र के इस प्रश्न पर नाराज हो जाते हैं. धीरे से बुजुर्ग कहते हैं कि वोट के बाद केहु नेता से भेंट तक ना होला. वोटवा में त नेतवन के बहार आ गइल बा. जाति के हिसाब से वोट के ठेकेदार बन कर नेता मोल-भाव कर रहे हैं. प्रत्याशी भी जाति के नेता होने से उनको ज्यादा तरजीह दे रहे हैं. मलाल इस बात की है कि वोट अगर जाति से अलग हट कर देते हैं तो जिसे वोट दिया वो भी विश्वास नहीं करेगा कि उस जाति के लोग भी वोट दिये हैं. थोड़ी देर में चुनाव का पारा चढ़ता है. बगल में बैठे महर्षि अनिल शास्त्री कांग्रेस का जिक्र करते हैं. नारायण चौधरी जवाब देते हैं कि चुनाव में ही भोरे याद आता है. चुनाव के बाद कोई पहचानता भी नहीं. पार्टी स्तर पर जातीय बंधन में बांध दिया गया है. इसके कारण पार्टी के लेवल पर ही वोट भी मिलेगा. कोई भाजपा के डॉ इंद्रदेव मांझी के कार्यों का हिसाब का गणित करने लगता है, तो कोई कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार के क्षेत्र में नहीं रहने का. बात पीएम मोदी और नीतीश कुमार और लालू तक पहुंचती है. बिहार में किसकी सरकार होगी. सरकार बनाने और बिगाड़ने का सियासत इन दिनों इन दुकानों पर चल रही है.

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