पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पहले चरण में मतदान के बढ़े प्रतिशत से हताशा में आये लालू यादव, जहां गाली–गलौज पर उतर आये हैं, वहीं नवादा के रजौली में राजद को वोट नहीं देने वाले मतदाताओं के साथ मारपीट कर राजद कार्यकर्ताओं ने गुुंडागर्दी और जंगलराज का टेलर दिखाया हैं.
पहले ही बिहार बंद के नाम पर राजद की गुुंडागर्दी से पूरा बिहार सहम चुका है. 15 साल तक बिहार में जंगल राज कायम रखने वाले, पिछड़ों–दलितों को आरक्षण के अधिकार से वंचित रखनेवाले और आइटी–वाइटी क्या होता है कह कर तकनीक का मजाक उड़ाने वाले लालू यादव प्रधानमंत्री के लिए ब्रम्हपिशाच और भाजपा नेताओं के बधिया करने जैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग कर जहां अपने मानसिक दिवालियापन को उजागर कर रहे हैं तो वहीं उनके कार्यकर्ता जंगल राज की झांकी पेश कर रहे हैं.
मोदी ने कहा कि आरक्षण को फर्जी मुद्दा बना रहे लालू यादव ने अपने 15 साल के कार्यकाल में बिहार की शिक्षा को चौपट कर दिया था. प्राथमिक स्कूलों को बंद कर चरवाहा विद्यालय खोलवाया. गरीबों को आरक्षण का लाभ लेने लायक नहीं छोड़ा. नतीजतन इंजीनियर–डाक्टर की सीटें जनरल कोटे को सौंपनी पड़ती थी.
दलितों व पिछड़ों के लाखों बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने वाले लालू यादव अब अपने नौवीं और इंटर पास बेटे जो क्लर्क भी नहीं बन सकते को विधायक बनवाने के लिए एड़ी–चोटी का जोर लगा रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि लालू यादव ने कभी यह नहीं सोचा कि गरीबों के अनपढ़ बच्चे क्या करेंगे.
वे बताएं कि 15 वर्षों तक बिहार में लगातार राज करने के बावजूद पंचायतों में दलितों–पिछड़ों को आरक्षण क्यों नहीं दिया. बीपीएससी की परीक्षाएं 15 साल में 5 बार ही क्यों ली गयी. बीपीएससी के अध्यक्ष को किनके शासनकाल में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा. 15 वर्षों में उन्होंने कितने पिछड़ों व दलितों को नौकरियां दी .
चारा घोटाले में सात साल के सजायफ्ता लालू यादव को तिलमिलाने की जगह प्रधानमंत्री के सवाल का जवाब बिहार की जनता को देना चाहिए कि वह चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं. प्रथम चरण में मतदान के बढ़े प्रतिशत से यह साबित हो चुका है कि बिहार की जनता भ्रष्टाचार के प्रतीक और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाले ‘बड़े और छोटे भाई’ को इस बार मौका देने वाली नहीं है.