गोपालगंज : जिले में डेंगू रुकने का नाम नहीं ले रहा है. दो से तीन दिनों के अंतराल पर एक से दो केस मिल रहे हैं. साथ ही कालाजार के हर रोज रोगी सदर अस्पताल में पहुंच रहे हैं. प्रभावित इलाके में डीडीटी का छिड़काव कार्य भी बंद हो चुका है.
ऊपर से जापानी इंसेफ्लाइटिस एवं स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. निकट में दुर्गापूजा, दीपावली व छठ त्योहार भी है. ऐसे में बड़ी संख्या में दूर प्रदेश में रह रहे लोगों का घर आना होता है. इस स्थिति में बीमारियों के फैलने का खतरा और बढ़ गया है.
हालांकि राज्य स्वास्थ्य विभाग सिविल सर्जन को डेंगू एवं स्वाइन फ्लू को लेकर पहले ही अलर्ट कर चुका है. इधर, नगर पर्षद डेंगू मच्छरों को नष्ट करने के लिए पहला राउंड फॉगिंग पूरा कर चुका है.
बीच में कर्मियों के साथ फॉगिंग कराने के विवाद में मारपीट किये जाने से बंद है. बुधवार से शहर में फॉगिंग कार्य भी बंद है. शहर के कई मुहल्लों में फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है.
80 फीसदी पीड़ित परदेसी : डेंगू एवं कालाजार से 80 फीसदी लोग दूसरे प्रदेश से पीड़ित हुए हैं. जिले के लोग बड़ी संख्या में रोजी – रोजगार के लिए दिल्ली, सूरत, हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काम करते हैं और वहीं जब इनकी तबीयत बिगड़ी, तो घर लौटे और जांच के बाद मालूम हुआ कि वह डेंगू एवं कालाजार प्रभावित हो चुके हैं.
होर्डिंग व बैनर-पोस्टर भी नहीं लगा : डेंगू तेजी से पांव पसार रहा रहा है. सरकारी आंकड़ों की ओर देखें, तो अब तब इस बीमारी से कुल 11 लोग प्रभावित हो चुके हैं.
बावजूद शहर में इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों, बचाव एवं इलाज के प्रति लोगों को जागरूक किये जाने को लेकर न तो होर्डिंग और न ही बैनर लगाये गये हैं. हैंडबिल तक बांटा नहीं जा रहा है. स्वाइन फ्लू, कालाजार एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस को लेकर भी लोगों को जागरूक नहीं किया जा रहा है.
रोग के यह सभी लक्षण
अचानक तीव्र ज्वर के साथ तेज सिरदर्द
मांसपेसियों व जोड़ों में भयानक दर्द
शरीर पर लाल चकते बनना
पेट खराब व इससे दर्द होना
कमजोर व दस्त होना : लगातार चक्कर आना व भूख न लगना
सुरक्षा के लिए यह उपाय
सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग
शरीर को ढक कर रखें
कृत्रिम जनित पात्रों को खाली कर दें
प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें