गोपालगंज : जिले में हर रोज एचआइवी से ग्रसित एक व्यक्ति मिल रहा है. चौकानेवाली बात यह है कि एचआइवी पीड़ितों की संख्या में गर्भवती और बच्चे भी शामिल हैं. इनकी संख्या हाल में तेजी से बढ़ रही है. इनमें अधिकतर बाहर रह कर काम करनेवाले हैं. सदर अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र के आंकड़ों के […]
गोपालगंज : जिले में हर रोज एचआइवी से ग्रसित एक व्यक्ति मिल रहा है. चौकानेवाली बात यह है कि एचआइवी पीड़ितों की संख्या में गर्भवती और बच्चे भी शामिल हैं.
इनकी संख्या हाल में तेजी से बढ़ रही है. इनमें अधिकतर बाहर रह कर काम करनेवाले हैं. सदर अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, पांच माह में 4615 लोगों की जांच में 130 एचआइवी पॉजिटिव रोगी मिले हैं.
इनमें आठ गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. आइसीटीसी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, केवल अगस्त में 45 लोग एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं. प्रत्येक दिन करीब 30 लोगों की एचआइवी जांच सदर अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र में की जाती है. अप्रैल से अगस्त तक 2646 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी है.
इनमें महज आठ महिलाओं में एचआइवी के लक्षण मिले हैं, जबकि 1969 जेनरल लोगों की जांच में 122 में एचआइवी का लक्षण मिला. आइसीटीसी केंद्र के काउंसेलर से इन्हें सलाह और उपचार के लिए एआरटी केंद्र भेजा जाता है.
पिछले वर्ष 635 लोगों में मिले थे एचआइवी : सदर अस्पताल में पिछले वर्ष जांच के दौरान एचआइवी के 635 लोगों में लक्षण पाये गये, जिनका इलाज सदर अस्पताल के एआरटी केंद्र से चल रहा है.
इनमें से अधिकतर पीड़ित व्यक्ति बाहर में काम करनेवाले हैं. एचआइवी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान भी चलाया था. यह आंकड़ा सदर अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र से लिया गया है.
नि:शुल्क है जांच और इलाज : सदर अस्पताल में एचआइवी पीड़ितों के इलाज के लिए नि:शुल्क व्यवस्था है. अस्पताल के ओपीडी वार्ड में आइसीटीसी केंद्र पर वर्ष 2003 से जांचकी जा रही है. टेस्ट के बाद इलाज के लिए पहले छपरा जाना पड़ता था.
लेकिन, पिछले एक साल से यहां एआरटी केंद्र खुल गया है, जिससे जांच से लेकर इलाज तक की नि:शुल्क व्यवस्था अस्पताल में उपलब्ध है.
काउंसेलर का है कहना
आइसीटीसी केंद्र की काउंसेलर पूनम का कहना है कि लोगों में पहले से जागरूकता आयी है. जागरूकता के कारण ही लोग एचआइवी टेस्ट करा रहे हैं, जिससे पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.