कटेया : जेपी विश्वविद्यालय के बीए प्रथम वर्ष के रिजल्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि विश्वविद्यालय हिंदी छात्रों का दुश्मन है. पूरा देश जहां हिंदी भाषा को सर्वोच्च स्थान दिलाने में लगा है, वहीं, जेपी विश्वविद्यालय हिंदी के छात्रों के साथ धांधली कर बड़े पैमाने पर उन्हें अनुपस्थित दिखाया है. इससे विश्वविद्यालय का हिंदी विरोधी रूप सबके सामने आ गया.
अगर आप जेपी विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ना चाहते है, तो ेदस बार सोचना चाहिए. यह बात यूं नहीं कहीं जा रही है. कटेया प्रखंड के बीए प्रथम वर्ष के 45 छात्रों का मामला सामने आया है. जिनमें 40 छात्रों को हिंदी विषय में अनुपस्थित दिखाया गया है, जिससे उनका रिजल्ट खराब हुआ है. इन 45 छात्रों में मात्र दो छात्र सही-सही पास है, जबकि तीन छात्रों को अन्य विषयों में अनुपस्थित दिखाया गया है. आश्चर्य तो यह कि विश्वविद्यालय ने जिन छात्रों को अनुपस्थित दिखाया है, परीक्षा केंद्र के मेमो में वे उपस्थित है.
विश्वविद्यालय में व्याप्त इस गड़बड़ी को लोग विश्वविद्यालय के हिंदी विरोधी रूप में देख रहे है. कटेया के धनौती निवासी छात्रा रीचा कुमारी हिन्दी ऑनर्स की छात्रा है. जिसने समय से पहुंच कर हिंदी क ी परीक्षा दी. किंतु विश्वविद्यालय द्वारा रिचा क ो हिंदी के दोनों पेपर में अनुपस्थित दिखाया गया है.
ऐसे ही हिन्दी ऑनर्स के 25 छात्रों को अनुपस्थित दिखाया गया है. जबकि गृह विज्ञान ऑनर्स के 15 छात्रों को जो हिन्दी सबसिडरी में रखे है, उन्हें भी हिन्दी में अनुपस्थित दिखाया गया है. विश्वविद्यालय के इस परिणाम को देख कर जहां छात्र हिन्दी विषय में अपना नामांकन कराने से डर रहे है.