गोपालगंज : भीषण गरमी में गिरते जल स्तर और लगातार सूख रहे चापाकल से पेयजल संकट उत्पन्न होने के आसार बढ़ गये हैं. विगत एक पखवारे से तापमान बढ़ने का क्रम लगातार जारी है.
वहीं, पीएचइडी इस समस्या से बेपरवाह है. यदि हालात यू ही बना रहा, तो इस बार जिला पेयजल संकट से जूझना पड़ेगा. जिले में सरकारी चापाकलों की स्थिति बदतर है. विभाग 21 फीसदी चापाकल खराब होने की बात कह रहा है, जबकि यहां 40 फीसदी चापाकल खराब पड़े हैं. यही हाल पाइपलाइन का है. 24 में से जिले में चार पाइपलाइन खराब है.
जगह बिना 1466 चापाकल नहीं गाड़े गये : पुराने चापाकल खराब होते चले गये और नया चापाकल जिले में लगाने के लिए स्थल ही नहीं मिला. 1466 चापाकल के सामान जहां-तहां जंग खा रहे हैं और जिलावासी प्यास बुझाने के लिए बेचैन हैं. दरअसल विधायकों ने इन चापाकलों को लगाने के लिए स्थल का चयन ही नहीं किया है. फिलहाल आदर्श आचार संहिता में इस कार्य पर रोक लग गया है.
संवेदकों की मनमानी भी पड़ी भारी : विभाग से दो कदम आगे संवेदक हैं. इन्हें चापाकल लगाने का टेंडर तो मिल गया. लेकिन 2012-13 का चापाकल अब तक संवेदक नहीं लगा पाये हैं.