गोपालगंज. गंगा दशहरा पर्व गुरु वार को मनाया जायेगा. गंगा, यमुना, नारायणी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी. इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, गर करण, रवि योग होगा. गंगा और भगवान शिव का पूजन भी इस दिन किया जायेगा. गुरु वार होने की वजह से उस दिन जो भी पूजन-पाठ करेगा, उससे यश बढ़ेगा. इस दिन गंगा या फिर पवित्र नदियों में स्नान करने से कायिक, वाचिक, मानसिक पापों का नाश होता है. जो श्रद्धालु गंगा स्नान को नहीं जा पाते वे घर पर ही पानी में गंगा जल मिला कर उससे स्नान कर सकते हैं. गंगा माता की मूर्ति के पूजन से भी वही फल मिलता है.
गंगा अवतरण पर थे 10 योग गंगा को भागीरथ जब धरती पर लाये थे, उस समय 10 योग थे. अभिजीत ग्रुप के मुख्य आचार्य डॉ पंकज शुक्ला के अनुसार, इसलिए इस दिन को दशहरा कहा जाता है. उस दिन जो योग थे, उनमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यति पाट योग, आनंद योग, करण योग, कन्या राशि में चंद्रमा, वृष राशि में सूर्य थे. थावे में मां के मंदिर में होगा अनुष्ठान गंगा दशहरा के दिन शक्ति पीठ थावे में मां के दर्शन का विशेष महत्व है.
मां की कृपा के लिए यहां काफी भीड़ लगी है. गुरु वार को विशेष अनुष्ठान और संस्कार किये जायेंगे. थावे मंदिर में पूजा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है. कृष्ण को पसंद है निर्जला एकादशी शुक्र वार को निर्जला एकादशी है. इस दिन जो निर्जल व्रत रखते हैं, उन्हें पूरे साल की एकादशी का फल मिल जाता है. इसे भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है. सनातन में एकादशी का विशेष महत्व है.