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फसल मुआवजे की राशि को लेकर किसान परेशान
भोरे : प्रकृति की मार से बेहाल हो चुके किसानों के दुखते रग पर प्रशासन ने मरहम की जगह नमक लगा हाथ रख दिया है. इससे किसानों का दर्द कम होने के बजाय और बढ़ गया है. भोरे प्रखंड में लगातार आंधी-पानी और ओलावृष्टि के कारण बरबाद हुई किसानों की फसलों ने उनकी कमर तोड़ […]
भोरे : प्रकृति की मार से बेहाल हो चुके किसानों के दुखते रग पर प्रशासन ने मरहम की जगह नमक लगा हाथ रख दिया है. इससे किसानों का दर्द कम होने के बजाय और बढ़ गया है.
भोरे प्रखंड में लगातार आंधी-पानी और ओलावृष्टि के कारण बरबाद हुई किसानों की फसलों ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है. पहली बार में आये आंधी-पानी में जब किसानों की फसल बरबाद हुई, तो कृषि विभाग ने भोरे से क्षति की कोई रिपोर्ट नहीं भेजी. इसके बाद पुन: प्राकृतिक आपदा के कारण फसल पूरी तरह बरबाद हो गयी, लेकिन विभाग को इससे क्या.
बाद में जिला प्रशासन द्वारा किसानों को मुआवजे की राशि वितरित करने की घोषणा की गयी, तो लगा कि उनके जख्म पर अब थोड़ा मरहम जरूर लगेगा. विशेष शिविर लगा कर मुआवजे के लिए आवेदन प्राप्त किये गये, लेकिन इसके बाद जो कुछ भी हुआ, उसने किसानों के जख्मों को कुरेदने का काम किया. डीएम के निर्देश के बाद भोरे प्रखंड में फसल मुआवजे के लिए आवेदनों के जांच की प्रक्रिया शुरू की गयी. पंचायत अनुश्रवण समिति के अनुशंसा पर राशि देने की बात कही गयी.
लेकिन, 17 पंचायतों में से किसी भी पंचायत में अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष पंचायत के मुखिया ने किसी भी आवेदन पर अनुशंसा नहीं की. कारण साफ था कि पंचायत में किसानों के आवेदन पर अनुशंसा करना मुखिया जी को गंवारा नहीं था, क्योंकि इससे उनके वोट बैंक में सेंध का खतरा था. जिन राजस्व कर्मियों को आवेदनों के जांच का जिम्मा सौंपा गया, उन्होंने राजस्व कर्मी टेबल पर बैठे-बैठे ही अपनी रिपोर्ट लगा दी. इस पूरी प्रक्रिया में सबसे अहम बात यह रही कि बीपीएल की श्रेणी में आनेवाले लोगों के आवेदनों पर भी ध्यान नहीं दिया गया.
भोरे प्रखंड में 51 लाख रुपये का आवंटन मुआवजे के नाम पर दिया गया था. इस राशि से सात पंचायतों के बीच मुआवजा वितरित किया गया, लेकिन शेष 10 पंचायतों के लिए राशि उपलब्ध नहीं है. ऐसे में भोरे के बीडीओ सोनू कुमार बताते हैं कि राशि समाप्त हो गयी है. राशि आवंटित होते ही शेष पंचायतों में भेज दी जायेगी.
कटेया : कटेया में आभूषण दुकान पर ग्राहकों और व्यवसायी के बीच हिंसक संघर्ष हो गया. इसमें दोनों पक्षों के पांच लोग घायल हो गये. झड़प के पीछे 55 हजार रुपये नकद 1.70 लाख के आभूषण का पैसा नहीं देना बताया गया है.
कटेया बाजार में स्वर्ण व्यवसायी कन्हैया वर्मा अपनी दुकान पर बैठे थे. इस बीच नगर के ही वीरेंद्र नोनिया दुकान से एक लाख 70 हजार रुपये का आभूषण तथा 55 हजार नकद लेकर गये थे. पैसा मांगने पर टाल मटोल कर रहे थे . इसी बीच शनिवार की सुबह वीरेंद्र नोनिया लगभग दर्जन भर लोगों के साथ उनकी दुकान पर पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए उन्हें मारपीट कर घायल कर दिया.
व्यवसायी ने दुकान से आभूषण लेकर जाने का भी आरोप लगाया गया है, जबकि दूसरे पक्ष से वीरेंद्र नोनिया ने भी आरोप लगाया है कि सवा दो लाख रु पये में सोने व चांदी का आभूषण बंधक रखा गया था. बंधक रखा एक आभूषण वापस लाने के लिए गये, तो कन्हैया वर्मा ने पैसा ले लिया, लेकिन आभूषण देने से इनकार कर दिया.
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