12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कार्यालय में बैठ तय हो रही मुआवजे की राशि

गोपालगंज : फसल क्षतिपूर्ति के नाम पर किसानों के जख्म के साथ खिलवाड़ हो रहा है. किसानों के जख्म पर हजार दो हजार रुपये का मुआवजे का मरहम लगाया जा रहा. कार्यालय में बैठ कर मुआवजे की रकम तय की जा रही है. औसतन मुआवजे की रकम दी जा रही. राजस्व कर्मचारी और किसान सलाहकार […]

गोपालगंज : फसल क्षतिपूर्ति के नाम पर किसानों के जख्म के साथ खिलवाड़ हो रहा है. किसानों के जख्म पर हजार दो हजार रुपये का मुआवजे का मरहम लगाया जा रहा. कार्यालय में बैठ कर मुआवजे की रकम तय की जा रही है. औसतन मुआवजे की रकम दी जा रही. राजस्व कर्मचारी और किसान सलाहकार बैठ कर किसानों की तकदीर को लिख रहे हैं. पंचायत राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की तरफ से पारित किये गये दावे के बाद यह कारनामा किसानों पर भारी पड़ रहा है. किसान इस कारनामे से आहत हैं. कर्ज में डूबे किसानों की लागत भी इस मुआवजा से नहीं निकल पा रही है. किसान इस बार बुरी तरह से कर्ज में डूबे हैं. दिल यह है कि जिस किसान की पांच हेक्टेयर गेहूं फसल बरबाद हुई. उसे महज एक हेक्टेयर बरबाद होने की रिपोर्ट करते हुए क्षतिपूर्ति दी जा रही है. किसान के दर्द पर अधिकारी से लेकर विधायक और सांसद तक चुप हैं.

नहर और सरकारी जमीन पर किया गया था दावा : किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के दावे में नहर, तालाब तथा सरकारी जमीन में भी गेहूं की फसल बरबाद होने का दावा किया था. इस पर जिला प्रशासन ने भौतिक सत्यापन कराने के बाद किसानों को मुआवजा दिलाने का निर्णय लिया था. इस निर्णय के बाद जो हुआ वह किसानों के जख्म पर नमक छिड़कने से कम नहीं है. ऐसा नहीं है कि सभी किसानों ने गलत ही दावे किये हैं. कर्मी अगर भौतिक सत्यापन किये होते, तो शायद किसानों के साथ यह स्थिति नहीं आती.
क्या है मुआवजे की प्रक्रिया
फसल क्षतिपूर्ति के मुआवजे के लिए प्रशासन ने निर्णय लेते हुए जिले भर के मुखियाओं की आपात बैठक सात मई को बुलायी थी. आठ मई को राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की बैठक कर किसानों के द्वारा दिये गये दावे की जांच कर उसे पारित कर मुआवजे के लिए अंचल प्रखंड कार्यालय को सौंपना था. एक दिन में किसानों के दावे की जांच नहीं हो पायी. विजयी मुखिया, हारे हुए मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्यों ने दावे की जांच की. डीएम का आदेश था कि खेतों का भौतिक सत्यापन करने के बाद मुआवजे की राशि उपलब्ध करायी जाये. निगरानी समिति की तरफ से पारित दावे का कोई महत्व नहीं रहा.
क्या कहते हैं डीएम
फसल क्षतिपूर्ति में किसानों को मिलनेवाले मुआवजे में अगर गड़बड़ी की शिकायत पायी जाती है, तो उसकी जांच कर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. किसी भी स्थिति में गड़बड़ी करनेवाले कर्मचारी को बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
कृष्ण मोहन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें