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धरना. मांझा-बरौली संघर्ष समिति का तेज हुआ आंदोलन

बरौली को अनुमंडल बनाने की मांगलालू प्रसाद ने की थी अनुमंडल बनाने की घोषणाआंदोलन को तेज करने के लिए बनायी गयी रणनीतिएकदिवसीय धरने में इलाके के दर्जनों ग्रामीण हुए शामिल इट्रोअपनी मांग मनवाने के लिए ग्रामीण अब सड़क पर उतने को बाध्य हो गये हैं. बरौली को अनुमंडल बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. […]

बरौली को अनुमंडल बनाने की मांगलालू प्रसाद ने की थी अनुमंडल बनाने की घोषणाआंदोलन को तेज करने के लिए बनायी गयी रणनीतिएकदिवसीय धरने में इलाके के दर्जनों ग्रामीण हुए शामिल इट्रोअपनी मांग मनवाने के लिए ग्रामीण अब सड़क पर उतने को बाध्य हो गये हैं. बरौली को अनुमंडल बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. ग्रामीणों ने मांझा-बरौली संघर्ष समिति के तत्वावधान में धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की. आंदोलन के माध्यम से सरकार पर लगातार दबाव दिया जा रहा है. इसके पहले भी कई संगठनों ने बाजार को बंद कराया था. देखना है कि उनका यह आंदोलन कहां तक सफल हो पाता है.फोटो न. 1संवाददाता, बरौली बरौली को अनुमंडल बनाने की मांग को लेकर मंगलवार को मांझा-बरौली संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. प्रखंड मुख्यालय पर आयोजित धरने में दर्जनों ग्रामीण शामिल हुए. समिति के कार्यकर्ताओं ने मांग को लेकर आंदोलन तेज करने की रणनीति बनायी है. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आंदोलनकारियों का कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने बरौली को अनुमंडल बनाने के लिए घोषणा की थी. आंदोलनकारियों ने अनुमंडल का दर्जा नहीं मिलने तक मांझा और बरौली में आंदोलन करने का फैसला लिया. इसके पहले कई संगठनों ने बाजार को बंद करा प्रदर्शन किया था. बरौली, मांझा, विशुनपुरा समेत कई बाजार को अलग-अलग दिन बंद कराया गया था. इधर, दूसरे संगठन ने अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति का गठन कर धरना दिया. धरने पर बैठे लोगों में मुकेश कुमार, शाहिद सिद्दीकी, पप्पू यादव, अनुज कुमार, नन्हक सिंह, मिंटू कुमार, गणेश सिंह, अजीत कुमार आदि शामिल थे.

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