केंद्रों पर महज 10 से 15 फीसदी बच्चों की मिल रही उपस्थिति संवाददाता. बरौली (ग्रामीण)प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित अधिकांश बच्चे पढ़ने नहीं जाते. नामांकन के अनुरूप बच्चों की उपस्थिति महज 10 से 15 फीसदी है. ठंड के मौसम में यह उपस्थिति और भी कम हो सकती है. नामांकित बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं आना गंभीर मामला है. आंगनबाड़ी केंद्र का दृश्य शिक्षा व्यवस्था की हकीकत बयां करने के लिए काफी है. गंदगी के बीच बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. अधिकारी भी यहां कभी आकर स्थिति का हाल जानना उचित नहीं समझा. हालांकि पर्यवेक्षिका को प्रति दिन आंगनबाड़ी केंद्र की जांच करनी है. अगर हकीकत में केंद्रों की जांच होती, तो शायद यह तसवीर नहीं होती. यह समस्या किसी एक आंगनबाड़ी केंद्र की नहीं है, बल्कि प्रखंड के अमूमन हर आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति ऐसी है. जिसे बेहतर बनाने की दिशा में अधिकारियों ने ठोस पहल नहीं की.कार्यालय में कोरम पूरा करती हैं पर्यवेक्षिकाएं आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से जांच करने के लिए बाल विकास परियोजना विभाग ने पर्यवेक्षिका को तैनात किया. बरौली बाल विकास परियोजना कार्यालय में आठ पर्यवेक्षिका कार्यरत हैं. एक नजर में आंगनबाड़ी केंद्र प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र की संख्या – 252 बाल विकास पर्यवेक्षिका की संख्या – 8 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी – 1 क्या कहती हैं सीडीपीओ आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति कम होना गंभीर मामला है. ऐसे समय-समय पर केंद्रों की जांच करायी जाती है. बच्चों की उपस्थिति जिस केंद्र पर कम मिलती है, वहां कार्रवाई की जाती है.मंजु कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बरौली
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आंगनबाड़ी से दूर हो रहे नामांकित बच्चे
केंद्रों पर महज 10 से 15 फीसदी बच्चों की मिल रही उपस्थिति संवाददाता. बरौली (ग्रामीण)प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित अधिकांश बच्चे पढ़ने नहीं जाते. नामांकन के अनुरूप बच्चों की उपस्थिति महज 10 से 15 फीसदी है. ठंड के मौसम में यह उपस्थिति और भी कम हो सकती है. नामांकित बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र में […]
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